जालंधर/वरुणः महानगर में पिछले 10 महीनों के दौरान रसूखदारों की 150 से ज्यादा अवैध इमारतों और कॉलोनियों पर मशीन चलाने वाले एटीपी सुखदेव वशिष्ठ का नगर निगम अधिकारियों ने तबादला कर दिया है। उन्हें बिल्डिंग ब्रांच से तब्दील कर O&M ब्रांच में लगा दिया गया है। एटीपी सुखदेव वशिष्ट पर रसूखदारों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। भ्रष्टाचार के लिए बदनाम नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच को दोबारा फिर से मुख्यधारा में लाने वाले एटीपी पहले भी जब-जब शहर में राजनीतिक पहुंच रखने वाले रसूखदारों के अवैध भवनों को गिराया तब भी उन्हें तबादले की धमकियां तो खूब मिली थी।
लेकिन नेता चाह कर भी कुछ नहीं कर पाए थे। अब चुपचाप उन्हें तबादला आदेश थमा दिया गया है। बिल्डिंग ब्रांच में तैनात एटीपी सुखदेव को उनकी लगातार अवैध निर्माण की कार्रवाईयों को देखते हुए निगम कमिश्नर ने एक अवैध निर्माण गिराने वाली टीम का गठन किया था। इसका चार्ज भी सुखदेव को दिया था। इस टीम को निगम की हद में जहां कहीं भी जाकर अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए शक्तियां दी गई थीं। सुखदेव ने करोड़ों रुपए की सीलयू फीस की चोरी करने वालों पर कार्रवाई की थी।
हेड ड्राफ्ट्समैन सुखदेव जिन्हें एटीपी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया वह 10 महीने इस पोस्ट पर रहे। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी दल के मौजूदा विधायकों के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा के पूर्व विधायकों मंत्रियों के करीबियों को भी नहीं बख्शा। पूर्व कैबिनेट मंत्री के खास काला बतरा की गोपाल नगर में अवैध दुकानें गिरा दी। वेस्ट में विधायक के खास की बिल्डिंगें तोड़ी, फगवाड़ा गेट मार्किट में सेंट्रल हलके के विधायक के खास लोगों के अवैध निर्माण पर कार्रवाई की। इसी तरह से पूर्व विधायक के खास लोगों के साथ-साथ भाजपा के पूर्व विधायक के रिश्तेदार की कॉमर्शियल बिल्डिंग पर दो बार डिच चलाई। सुभाना, दीप नगर, दकोहा और रामामंडी में नेताओं की अवैध कॉलोनियों पर मशीन चलाई थी।
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