आरोप: रशियन आर्मी महिला को प्रति व्यक्ति की भर्ती के मिलते हैं 10 लाख रुपए
इस नर्क से वापिस लाने के लिए बूटा सिंह ने भारत सरकार से लगाई गुहार
जालंधर: रूस और यूक्रेन में लगातार जंग चल रही है। इस जंग में दोनों देशों के कई नागरिकों सहित भारतीय नौजवानों की भी मौत हो चुकी है। दरअसल, दोनों देशों की जंग में कई भारतीय नौजवानों को रूस की सेना द्वारा नौकरी का लालच देकर आर्मी में भर्ती किया जा रहा है। जहां आर्मी के फ्रंट लाइन में भेजकर भारतीय नौजवानों को मौत के हवाले में किया जा रहा है। इसका खुलासे जंग में घायल हुए मौका के रहने वाले बूटा सिंह ने किए हैं। बूटा सिंह ने चौकाने वाले खुलासे करते हुए बताया कि रशियन आर्मी महिला द्वारा भारतीय नौजवानों की जिंदगी और मौत का सौदा लाखों रुपए में किया जाता है।
बूटा सिंह का आरोप है कि आर्मी सेना में भारतीय नौजवानों की भर्ती के लिए रशियन आर्मी महिला को वहां की सरकार से 10 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मिलते हैं। यही नहीं भारतीय नौजवानों को भी अन्य भारतीयों की आर्मी में भर्ती करने के लिए एक लाख रुपए प्रति व्यक्ति का ऑफर दिया जाता है। बूटा सिंह ने कहा कि रूस में आने से पहले वह सिंगापुर में रह रहा था, जहां उसने 4 साल काम किया। जिसके बाद वह रशिया में आया था। जहां पर वह पहले स्टडी के साथ काम करता रहा। इस दौरान उसे रशियन अर्मी में हैल्पर की जरूरत होने के लिए नौकरी का ऑफर दिया गया। ऐसे में उसे विश्वास दिलाया गया कि उसकी जान को कोई खतरा नहीं होगा। इस दौरान 3 दोस्त उनकी बातों में आ गए। जब वह महिला के साथ उनके दफ्तर पहुंचे तो देखा कि वहां पर जम्मू सहित अन्य राज्य के कई भारतीय पहले से मौजूद थे।
बूटा सिंह ने बताया कि एक रशियन के साथ भारतीय लोग फ्रंट लाइन पर रहते थे। यूक्रेन के अंदर 300 किलो मीटर दूर लेकर गए, वहां आर्मी ने कब्जा किया हुआ है। उस जगह पर आर्मी द्वारा 15 दिन की हथियारों की ट्रेनिंग दी गई। जिसके बाद उन्हें फ्रंट लाइन पर लड़ने के आदेश जारी किए गए। जब मना किया तो कमांडर ने कहाकि वह उन्हें शूट कर देंगे और उनके शव का किसी को कुछ पता नहीं चल पाएगा। 15 लोगों का ग्रुप फ्रंट लाइन पर लड़ने के लिए भेजा गया। इस दौरान नए हथियार दिए गए और 200 किलो मीटर आगे लड़ने के लिए फ्रंट लाइन भेजा गया। बूटा सिंह ने बताया कि युद्ध में मिसाइल और ग्रेनेड से हमले होना आम बात है। बूटा सिंह सिमरजीत सिंह, रशियन सहित 14 लोगों की मौत हो गई। बूटा सिंह ने बताया कि उसक युद्ध में मौजूद के दौरान घटना गुरसेवक सिंह, सचिन सहित कुछ लोग जिंदा थे, लेकिन अभी उनके साथ कोई संपर्क नहीं हो रहा।
बूटा सिंह ने बताया कि उन्हें झूठ बोलकर ले जाया गया। आर्मी में भर्ती करवाने के लिए रशियन आर्मी को 10 लाख रुपए मिलते है। वहीं भारतीय को रूसी सेना में भर्ती करवाने के लिए एक लाख रुपए ऑफर दिया जाता है। बूटा सिंह ने कहा कि नौकरी के साथ उन्हें 5 लाख रुपए, रहने के लिए घर सहित अन्य सुविधाएं देने का ऑफर दिया गया। इस दौरान एक 5 लाख रुपए भी उसके खाते में डाले गए।
बूटा सिंह ने कहा कि बेसमेंट में आर्मी ने जगह बनाई हुई है, जिसमें उन सभी को रखा गया। इस दौरान जब उन्हें फ्रंट लाइन भेजा जाता था तो 2 रशियन उनके साथ होते है। इस दौरान वॉकी-टॉकी, हथियार सहित अन्य सामान दिए गए। पुल को क्रॉस करने के लिए वह छिप-छिपकर पहुंचे। इस दौरान ड्रोन के जरिए हमले किए जा रहे थे। जिसके चलते वह एक दिन वहीं पर रूक गए। जिसके बाद अगले दिन वह दोबारा फ्रंट लाइन निकले। जब उनके साथी रशियन ने ड्रोन पर अटैक करके धवस्त करना शुरू किया तो उस पर ड्रोन के कुछ पुर्जे लगे। घटना में मुंह उसका पूरी तरह से फट गया और हादसे में शरीर के कई अंगों पर चोटें आई।
जिसके बाद उसने आर्मी को गंभीर रूप से घायल होने की सूचना दी। आर्मी के साथियों ने उसे प्राथमिक उपचार दिया। इस दौरान वह जंगल में समय बिताया कुछ घंटे के बाद यूक्रेन के अस्पताल में एक दिन के लिए भर्ती करवाया गया। जिसके बाद सेहत में कुछ सुधार होने के बाद आर्मी के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बूटा सिंह ने बताया कि अब उनकी हालत में सुधार है और फूड पाइप भी निकाल दी गई है। बूटा सिंह ने बताया कि वह पता नहीं कैसे बच गए, लेकिन वहां हालात इतने भयानक है कि कोई भी बच नहीं पाता। लगातार ड्रोन, मिसाइल गिरते रहते है। बूटा सिंह ने भारतीय एजेंसी से उसे भारत वापिस लाने की अपील की है। वहीं युवाओ से रूस में ना आने की अपील की है।