जालंधर, ENS: जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में शनिवार को लाइट एंड साउंड शो करवाया गया। लाइट एंड साउंड शो श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के उपलक्ष्य में रखा गया। इसमें गुरु तेग बहादुर के बलिदान के बारे में संगत को बताया गया। इसके लिए स्टेडियम में नाटक के माध्यम से श्री गुरु तेग बहादुर के पूरे जीवन और शिक्षाओं को दर्शाया गया। समारोह में हजारों की संख्या में जालंधर की संगत ने हिस्सा लिया और गुरु को शीश नवाया। इस मौके पर पूरा स्टेडियम जो बोले सो निहाल से गूंज उठा।
कार्यक्रम में एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी भी पहुंचे। इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि गुजरात से शुरू हुई श्री गुरु तेग बहादुर जी के नगर कीर्तन को देशभर में समर्थन मिल रहा है। दिल्ली में बड़ी संख्या में हिंदुओं ने नगर कीर्तन में शामिल होकर भाइचारे का संदेश दिया है। धामी ने कहा कि ये दिन इतिहास में दर्ज होगा। जालंधर की सिख जत्थेबंदियों ने एकता और भाइचारे का संदेश दिया है। चाहे सभी जत्थेबंदियों के राजनीतिक विचार अलग-अलग हों, लेकिन आज ये सभी एक मंच पर हैं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और जालंधर की 350 सालां शताब्दी कमेटी, जिसमें गुरुद्वारा साहिबान के प्रधान और धार्मिक जत्थेबंदियां शामिल हैं, श्री गुरु तेग बहादुर पातशाह जी के 350वें शहीदी गुरुपर्व को सामूहिक तौर पर मना रहे हैं। धामी ने कहा कि जालंधर की संगत की एकजुटता कलगीधर पातशाह का संदेश है। उन्होंने बताया कि एसजीपीसी की तरफ से तलवंडी साबो के माता साहिब कौर जी खालसा गर्ल्स कॉलेज की 250 कश्मीरी बच्चियों का खर्च उठाया जा रहा है। इन बच्चियों ने गतका का बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया है।
धामी ने कहा कि महान नगर कीर्तन ने पूरे भारत के 25 राज्यों में यात्रा की है। इस नगर कीर्तन को पूरे भारत में बड़ा समर्थन मिला, विशेष रूप से गुजरात में, जहां सिंधी सिखों ने शबद गायन किया। वक्ता ने बताया कि इस मिशन का उद्देश्य भाईचारा बढ़ाना था और दिल्ली में जब यह नगर कीर्तन था, तो सबसे ज्यादा हिंदू भाइचारे ने बड़े स्तर पर इसमें सहभागिता की। जालंधर शहर में ये नगर कीर्तन 13 नवंबर को पहुंचेगा। मुख्य समागम दिल्ली में 23 से 29 नवंबर तक चलेगा। 23 नवंबर को कलगीधर पातशाह का 350 सालां गुरियाई दिवस मनाया जाएगा। 23, 24, 25 नवंबर को गुरुद्वारा शीशगंज और गुरुद्वारा भोरा साहिब में कार्यक्रम होंगे। 25 नवंबर को गुरुद्वारा शीशगंज, दिल्ली से एक महान नगर कीर्तन आरंभ होगा, जिसकी 29 नवंबर को उसी स्थान पर समाप्ति होगी। 28 नवंबर की रात को गुरुद्वारा विवानगढ़ साहिब पातालपुरी में भाई पिंदरपाल सिंह जी और भाई हरजिंदर सिंह जी (श्रीनगर वाले) कीर्तन करेंगे।श्रीनगर से महान नगर कीर्तन 15 नवंबर को मट्टन साहिब श्रीनगर से शुरू होगा। यह 17 नवंबर को होशियारपुर में होकर 18 नवंबर को गुरुद्वारा शीशगंज में समाप्त होगा।
धामी ने कहा कि जालंधर पंजाब का पहला जिला है जहां सभी धार्मिक और राजनीतिक जत्थेबंदियों ने एकजुट होकर यह महान शताब्दी मनाई है। यह एकजुटता इस बात का सबूत है कि वे गुरुसिखी को समर्पित हैं।