जालंधर, ENS: वेरका को पिछले लंबे समय से दूध की सप्लाई करने वाले लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उनकी मांग है कि पिछले 65 दिनों से दूध के पैसे अधिकारियों द्वारा नहीं दिए जा रहे। जिसको लेकर वह घर का गुजारा करने को मजबूर हो गए है। ऐसे में आज लोगों द्वारा डिप्टी रजिस्ट्ररार पीसीएस-1 गुरविंदरजीत सिंह के दफ्तर के बाहर दूध गिराकर प्रदर्शन किया गया। आरोप है कि डीआर द्वारा कोर्ट में केस दायर किया गया।
जिसके बाद अब इंस्पेक्टर द्वारा लेटर पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे है और उनकी पेमेंट की अदायगी पर रोक लगी हुई है। दरअसल, 1980 से चल रही वेरका की सोसायटी द्वारा 3 से 4 गांवों के लोगों से वेरका दूध की सप्लाई लेती है। लेकिन अब कोर्ट में स्टे लगने से गांव के लोगों की पेमेंट नहीं हो रही। जिससे परेशान होकर आज लोगों द्वारा प्रदर्शन किया गया।
वहीं मामले की जानकारी देते हुए जसवीर कौर ने कहा कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही। घर का गुजारा दूध बेचने से किया जाता है। दूध के पैसे नहीं मिल रहे, जब भी अधिकारियों से बात की जाती है तो वह कहते है प्लांट की ओर से पैसे नहीं आए। बच्चे को चोट लगने से वह स्टैंड के जरिए चलता है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
सरदूल सिंह ने कहा कि 1980 से वेरका की सोसायटी चल रही है। जहां 3 से 4 गांवों का रोजगार सोसायटी के साथ चल रहा है। सोसायटी का चुनाव अगस्त माह में खत्म हो गया था। ऐसे में किसी कारणों से चुनाव ने हुए। काफी चक्कर काटने के बाद पिछली 21 तारीख को चुनाव हुए है। कल ऑफिशियल लेटर जारी हुए है, जिसमें कमेटी को लेकर कोर्ट में डीआर द्वारा केस दायर करके स्टे ले लिया गया। ऐसे में 56 दूध उत्पादकों के पैसे देने वाले पड़े है, जिसकी 20 लाख से अधिक पेमेंट देनी बाकी है। जिसको लेकर उन्होंने कहा कि कमेटी का अलग मसला है, लेकिन जो लोगों के पैसे पेंडिंग है, उन्हें वह दिए जाने चाहिए।
गुरबख्श सिंह ने कहा कि 65 दिन हो गए है उनके दूध के पैसे दिए नहीं जा रहे। ऐसे में स्कूल में बच्चों की एडमिशन करवाने के लिए मजबूर हो रहे है। जिसको लेकर आज मजबूर होकर वेरका प्लांट के बाहर आकर दूध गिराकर प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 50 से 60 लोगों के 20 से 25 लाख की देनदारी है, लेकिन पैसे दिए नहीं जा रहे। इंस्पेक्टर से बात करने के लिए गए तो उन्होंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। लोगों का कहना है कि प्लांट की ओर से पैसे दे दिए गए है, लेकिन डीआर द्वारा पेमेंट को लेकर रोक लगा दी गई है। जिसके चलते लोगों को उनके दूध के पैसे मुहैया नहीं करवाए जा रहे।