जालंधरः गांव मसीता के रहने वाले नच्छतर सिंह ने वेरका मिलक प्लांट और मोहाली पुलिस पर इंसाफ न करने के आरोप लगाए है। जिसके संबंध में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रैंस कर मामले की जानकारी दी है। नच्छतर सिंह ने बताया कि 2019 में उसने वेरका मिलक प्लांट में 2 गाड़िया डाली थी। जिसका टेंडर उन्हें मिला था। एक गाड़ी की पूरी सिक्टोरिटी उसने खुद भरी थी और उसे चला रहा था। दूसरी गाड़ी उसने अपने साथी हिस्सेदारी की मदद से आधी-आधी भरी थी।
उसने आरोप लगाया कि साथी हिस्सेदार ने अपनी गर्लफ्रैंड के साथ मिलकर मेरी गाड़ी जो हिस्सेदारी पर चल रही थी उसकी जाली नंबर प्लेट तैयार कर अपने नाम कर ली है। नच्छतर सिंह ने बताया कि साथी की गर्लफ्रैंड की अप्रोच उच्च अधिकारियों तक थी। जिसकी मदद से उन्होंने जाली आरसी तैयार की है। आरोप है कि वेरका मिलक प्लांट के सभी कर्मचारी इस मामले में मिले हुए है, जिसके चलते यह गाड़ी दूसरे नाम पर चल रही है।
उसने बताया कि मेरी एक गाड़ी जो मोगा के नंबर से चल रही है, जबकि दूसरी गाड़ी फरीदकोट के नाम पर थी। फरीदकोट नंबर पीबी 04 एए 6786 गाड़ी की जाली आरसी पीबी 65 एस 4277 के नाम पर तैयार कर ली गई और इस गाड़ी को मोहाली प्लांट में लगा दी गई। आरोप है कि टेंडर मेरे नाम पर होने पर भी यह गाड़ी चलाई जा रही है। जैसे ही मुझे इस संबंधी पता चला तो उन्होंने प्लांट के जीएम से कागजों की जांच की मांग की, जांच के बाद पता चला कि गाड़ी पर आटो का नंबर लगाया गया है। जिसके बाद स्टाफ ने मेरी दोनों गाड़ियों को रोक दिया गया और 10-15 दिन बाद गाड़ी को दोबारा चलाने की बात कही।
8 महीने बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं तो उन्होंने इस संबंधी कई प्रेस कॉन्फ्रैंस कर इंसाफ की मांग की, लेकिन कोई इंसाफ नहीं मिला है। उनसे कहा कि आज 7 साल हो गए है। मेरी दोनों गाड़ियां विभाग के पास खड़ी है। न मुझे मेरी गाड़ियां दी जा रही न ही सिक्योरिटी दी जा रही है। इंसाफ को लेकर मेरा घर तक बिक गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र तक लिखकर कार्रवाई की मांग की है। दूसरा पक्ष मजबूत है। जिनकी वजह से सुनवाई नहीं रही है। आज प्रेस कॉन्फ्रैंस करने का उद्देश्य है कि मुझे इंसाफ दिया जाए।