जालंधर, ENS: मकसूदा मंडी में गंदगी में व्यापारी काम करने को मजबूर हो रहे है। दरअसल, मंडी में पड़ी गंदगी से कई मीटर दूरी से बदबू आ रही है। इस दौरान वहां पर आ रहे ग्राहकों का कहना है कि मंडी में पड़ी गंदगी के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। ऐसे में मंडी बोर्ड को जल्द साफ-सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए। लोगों का कहना हैकि चारों और बदबू और गंदगी की भरमार है। दुकानदारों का कहना है कि इस गंदगी के कारण ग्राहक भी सामान लेने के लिए नहीं आ रहा। इस मामले को लेकर वह मुद्दा उठा भी चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। मंडी में इतनी बदबू फैली हुई है कि यहां 5 मिनट तक खड़ा भी नहीं होया जा सकता। राहगीर भी मुंह पर कपड़ा बांध कर गुजर रहे है।
ग्राहकों से बात की गई तो उनका कहना हैकि मंडी में सब्जी लेने के लिए आना उनकी मजबूरी है, लेकिन मंडी में काफी गंदगी है, इसका हल होना चाहिए। वहीं व्यापारी ने कहा कि मंडी बोर्ड से सफाई के लिए कहा तो उन्होंने कहा जल्द सफाई करवा दी जाएगी, लेकिन एक सप्ताह हो गया है, कोई सफाई नहीं हुई। बारिश के बाद धूप निकलने के दौरान कूड़े से काफी बदबू आने लगती है। व्यापारी का कहना है कि वह मजबूरी में काम कर रहे है। हालांकि सफाई के लिए उनके द्वारा पैसे भी दिए जाते है। वहीं अन्य सामान खरीदने आई महिला ने कहाकि वह आचारी आम खरीदने आए, लेकिन यहां गंदगी इतनी है वह कुछ पल के लिए खड़ी भी नहीं हो पा रही।
बता दें कि मकसूदा मंडी में 1500 के रेहड़िया और फड़िया लगाई जा रही है। प्रति रेहड़ी रोजाना का 100 रुपए रुपए दे रहे है। वहीं मंडी के लिए अलग से सफाई वाले रखे है जो सप्ताह में एक बार सफाई करने आते है औऱ प्रति दुकान से 30 रुपए लेकर जाते है। इसके बावजूद सफाई व्यवस्था न के बराबर है। मंडी में चारों और गली सड़ियां सब्जियां, फल और कूड़ा कर्कट फैला हुआ है। जिससे लोगों में बीमारी फैलने का डर बना हुआ है।
कुछ दुकानदारों ने बताया कि नंदनपुर शेड के पास इतनी गंदगी फैल चुकी है कि यहां से गुजरना मुश्किल है। 5 मिनट के लिए खड़ा होना बीमारी के न्यौता देने के बराबर है। इस संबंधी कई बार मंडी बोर्ड के चेयरमैन को सूचित किया लेकिन अभी तक कोई सुनावाई नहीं हो रही। दुकानदारों का कहना है कि गंदगी के साथ-साथ फिसलन भी बढ़ चुकी है, आए दिन वाहन चालक गिर कर चोटिल हो रहे है। अब बरसात का सीजन भी शुरू हो चुका है, ऐसे में मच्छर, मक्खियों के मंडराने से बीमारी फैलने का डर सता रहा है।