जालंधर, ENS: नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के मामले में कुछ दिन पहले केंद्रिय मंत्री नीतिन गडकड़ी ने पंजाब सरकार को पत्र जारी किया था। जिसके बाद बीते दिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पत्र का पलटवार करते हुए पत्र जारी कर दिया है। वहीं इस मामले को लेकर किसान जत्थबंदियों ने कहा कि यह दोनों सरकारों का मसला है। वहीं उन्होंने नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट में हो रही देरी की असल वजह बताई है। इस मसले को लेकर उन्होंने कहा कि जब सरकार द्वारा एक व्यक्ति को सरकारी जमीन के एक करोड़ रुपए अदा कर दिए जाते है, जबकि उसके साथ लगती जमीन पर दूसरे व्यक्ति को 30 लाख रुपए अदा किए जाते है तो उस समय उसके साथ वितकरा किया जाता है ऐसे में वह जमीन को क्यों छोड़ेगा।
जिसके बाद वह अपनी जमीन को लेकर प्रशासन के आगे गुहार लगाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में केंद्र सरकार को ऐसा वितकरा नहीं करना चाहिए। किसानों को केंद्र द्वारा पेमेंट अदा किए जाने के मामले में किसान नेता ने कहा किजो किसान विदेश में रह रहे है वह देश में आएंगे तो पेमेंट उठाएंगे, नहीं तो ऐसा कुछ नहीं हैकि केंद्र पैसे दे और किसान ना लें। वहीं जम्मू कटरा हाईवे प्रोजेक्ट के दौरान ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर किसान नेता ने कहा कि यह दोनों सरकारों को निजी मसला है।
उन्होंने कहाकि केंद्र द्वारा किसानों को जमीन को लेकर जो पेमेंट दी जा रही है, उसमें काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि इसी के चलते किसान कब्जा नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि जिस किसान को सरकार को जमीन पर कम पैसे मिलेंगे तो वह जमीन को क्यों छोड़ेंगा। उन्होंने कहाकि इस मामले को लेकर कुछ किसानों ने कोर्ट में सटे भी लगा रखा है। जिसमें कहा गया है कि उन्हें जमीन पर सही मुआवजा दिया जाए। इसी के साथ किसानों ने बड़े बड़े हाईवे के साथ लिंक रोड़ बनाए जाने की अपील की है ताकि किसानों के खेतों की फसल पानी से खराब ना हो सके। वहीं केंद्रिय मंत्री नीतिन गडकड़ी द्वारा प्रोजेक्ट रद्द करने की चेतावनी को लेकर किसानों ने कहा कि केंद्र बताए कि जमीन को लेकर वह किसानों को बताए कि वह सही मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि बात को कहीं ओर ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक दो मामले को लेकर पूरे पंजाब को गलत नहीं ठहराया जा सकता।