जालंधर, ENS: महानगर में खाली प्लॉटों से कूड़ा हटाने के मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल का बयान सामने आया है। जिसमें डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि खाली प्लाट में पड़े कूड़े को लेकर आदेश जारी किए गए और प्लाटों की सफाई करने के लिए कहा गया था। इसमें काफी लोगों का प्रशासन को सहयोग मिला है। लेकिन आदेशों उलंघना करने वाले विभिन्न प्लॉट मालिकों को 289 नोटिस जारी किए हैं। वहीं नगर निगम द्वारा 1200 चालान काटे गए। डिसी ने कहाकि जिले भर के प्लॉट मालिकों को 10 जुलाई 2025 तक अपने खाली प्लॉटों से कूड़ा-कचरा व अन्य अपशिष्ट पदार्थ हटवाने के निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा प्लाट मालिकों को जारी किए गए नोटिस में लिखा गया हैकि अगर वह प्लाट की सफाई नहीं करवाते तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अब प्लाट की सफाई नगर निगम के द्वारा करवाई जाती है तो उसका खर्चा भी जुर्माने के तौर पर अदा किया जाएगा। अगर कोई जुर्माना नहीं अदा करता तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। इस दौरान डीसी ने लोगों से शहर को साफ-सुथरा रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की टीम भी शहर को साफ-सुथरा बनाने को लेकर काम कर रही है। डीसी ने लोगों से कहा कि अगर कोई प्लाट मालिक अपने प्लाट की सफाई करवाना चाहता है तो वह इस नंबर 9646222555 पर व्हाट्सए के जरिए मैसेज कर सकता है।
जिसके बाद टीम आकर उनके साथ सहयोग करेंगी। अगर कोई साफ-सफाई के आदेशों की पालना नहीं करता तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। डीसी ने बताया कि बीते दिन एक प्लाट मालिक को 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। जिला प्रशासन की ओर से खाली प्लॉटों के चारों ओर चारदीवारी या बाड़ लगाने के भी आदेश दिए गए है, ताकि अवैध रूप से कूड़ा डालने पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करने पर नगर कौंसिल नूरमहल द्वारा बीते दिन 5 और नगर पंचायत शाहकोट द्वारा 27 नोटिस जारी किए गए हैं।
डा. अग्रवाल ने बताया कि जारी किए गए नोटिसों में प्लाट मालिकों को नोटिस जारी होने की तिथि से 2 दिनों के भीतर प्लाटों की सफाई और प्लाट के चारों ओर चारदीवारी करवाने के निर्देश दिए गए है। ऐसा न करने पर सरकारी विभाग सफाई करवाएंगे, जिसका खर्च प्लाट मालिक से जुर्माने के तौर पर वसूला जाएगा। यदि कोई लागत जमा नहीं करता है, तो राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की जाएगी। जुर्माने के अलावा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163, पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986, पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।