जालंधर, ENS: फिल्लौर के एसएचओ भूषण कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। दरअसल, एक और महिला ने भूषण कुमार को लेकर ऑडियो जारी की थी। वहीं भूषण कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था। वहीं देर रात एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क की अगुवाई में भूषण कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी ने बताया कि देर रात को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ऑडियो व वीडियो को लेकर एसएचओ भूषण कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। एसएसपी ने बताया कि ऑडियो-वीडियो के मद्देनजर भूषण कुमार के खिलाफ 504/सी.आर.पी.सी. के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है, साथ ही 334/14-10-2025, 75(1) बी.एन.एस., 67(डी) पुलिस एक्ट, 67-आई.टी. एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। वहीं इस मामले को लेकर जब भूषण कुमार से बात की गई तो उन्होंने मीडिया से दूरी बनाते हुए कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते।
बता देंकि महिला आयोग की चेयरपर्सन राजलाली ने एसएसपी नोटिस जारी करते हुए भूषण कुमार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए थे। जिसके बाद 13 अक्टूबर को दोनों पक्ष महिला आयोग की चेयरपर्सन राजलाली के समक्ष पेश हुए। इस दौरान एसएचओ भूषण के साथ डीएसपी बल भी मौजूद रहे। महिला आयोग की चेयरपर्सन ने दोनों पक्षों के सबूतों के बाद लड़कियों के साथ सेक्शुअल बातचीत के मामले में एसएचओ को जमकर लताड़ लगाई। महिला आयोग की चेयरपर्सन ने कहा कि वर्दी की आड़ में महिलाओं का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर एसएचओ इस मामले में दोषी पाए गए तो वह खुद एसएचओ के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगी। राजलाली ने डीएसपी को कहा कि हर थाने में महिला के साथ बातचीच सीसीटीवी कैमरे के सामने करने का प्रोसिजर है। जिसको लेकर महिला आयोग ने उच्च अधिकारियों से सीसीटीवी फुटेज की मांग की हैं। पीड़िताओं ने भी अपनी रिकार्डिंग्स महिला आयोग को सौंप दी हैं। जिसके सुनने के बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन भड़क गई और कहा कि ये बेहद आपत्तिजनक हैं।
वहीं एसएचओ ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि रेप केस में समझौता हो रहा था, इसलिए एफआईआर में देरी लग गई। वहीं फिल्लौर के गांव से पहुंचे सरपंच राकुमार ने बताया कि एसएचओ ने कहा कि रेप मामले में दोनों पार्टियों में राजीनामे पर बात चल रही थी। इसलिए इस केस में एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई। हालांकि महिला कमीशन ने इस बात को सुनने के बाद कहा कि थाने में जब-जब राजीनामे को लेकर बात हुई है, उसकी सीसीटीवी फुटेज सौंपी जाएं।
उनकी इस बात को तब तक नहीं माना जाएगा, जब तक सीसीटीवी फुटेज इस बात को साबित नहीं कर देते कि दोनों पार्टियां राजीनामा चाहती थीं। राजलाली ने कहाकि सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग मिलते ही सब पता चल जाएगा और दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सीसीटीवी फुटेज ना मिले तो बिना सबूत के किसी बात को नहीं सुना जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों की एसएचओ के खिलाफ इंक्वायरी बैठा दी है। अभी रिपोर्ट सबमिट नहीं की गई है। इस रिपोर्ट के साथ अब सीसीटीवी फुटेज भी अटैच करने को कहा है।