जालंधर/वरुण : रामा मंडी में स्थित जौहल अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। लेकिन इस बार जौहल अस्पताल के मालिक डॉ. बलजीत सिंह जौहल के समर्थन में आईएमए उतर आई है। डॉ. जौहल के समर्थन में उतरी आईएमए के सदस्यों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस मामले को लेकर मुलाकात की है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के दौरान डॉ. आलोक, डॉ. नवजोत दहिया, डॉ. सुषमा चावला, डॉ. अमरजीत डॉक्टर दीपक चावला आदि ने बलजीत सिंह जौहल का समर्थन किया। इस दौरान आईएमए ने कहा कि डॉ. जौहल के खिलाफ गलत आरोपों के तहत केस दर्ज किया गया है।
उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द इस केस से डॉ. जौहल का नाम हटाया जाए। आईएमए के सदस्यों ने कहा कि अगर डॉ. जौहल को राहत न दी गई तो पूरे जालंधर जिले के निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखी जाएगी और सारी जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन की होगी। पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर गलत केस बनाया है। अगर सरकार ने इस मामले को लेकर ध्यान ना दिया तो आने वाले समय में कोई भी डॉक्टर इमरजेंसी केस लेने से मना कर देंगे। इसके बाद जो भी परेशानियां जनता को होगी उन सबकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। इस मामले को लेकर पहले जालंधर जिले के निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखेंगे, फिर अस्पताल बंद कर दिए जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार होगी।
बता दें कि बीती रात एक प्रवासी परिवार की महिला को गर्भवती हालत में जौहल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। परिवार वालों का आरोप है कि महिला की डिलीवरी वहीं हुई, लेकिन परिवार को बच्चा पैदा होने पर न तो बच्चा दिखाया गया और डिलीवरी के कुछ देर बाद कहा गया कि उसकी मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने वहां हंगामा भी किया। इस दौरान आप विधायक शीतल अंतराल और कमिश्नेरेट पुलिस के आला अधिकारी डीसीपी जसकीरन तेजा, डीसीपी जगमोहन सिंह, एसएचओ नवदीप पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर सम्बन्धित थाने में अस्पताल प्रबंधन खिलाफ FIR नंबर 246 दर्ज कर ली गई थी।
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