जालंधर (ENS) : वेस्ट हलके का उपचुनाव अपने अंतिम पड़ाव में प्रवेश करने जा रहा है । 10 जुलाई को होने वाले मतदान मे कुछ ही दिन शेष रह गए है। इस उपचुनाव में लोगो को पहली पसंद आप पार्टी के कैंडिडेट मोहिंदर भगत बनते जा रहे है। रोजाना आप पार्टी की और से वेस्ट हलके में जन सभाओ का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी कमान खुद पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान संभाले हुए है। सीएम को सुनने और देखने के लिए भारी मात्रा में लोग एकत्रित हो रहे है। जिस कारण यह जन सभाये रैली का रूप धारण कर रही है।
लोगो में पिछली सरकारों के कार्यकाल को लेकर रोष भी देखा जा रहा है। इसी कड़ी में आप पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस और बीजेपी के पूर्व पार्षदों ने भी कांग्रेस की कैंडिडेट पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के टेन्योर का बखान करते हुए रोष जताया। पार्षदों ने सुरिंदर कौर पर आरोप लगते हुए कहा कि उन्होंने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में शहर के किसी भी विकास कार्यो में योगदान नहीं दिया।
वार्ड नंबर 40 के पूर्व पार्षद तरसेम सिंह ने बताया कि वह कांग्रेस पार्टी से 40 साल से जुड़े है। दो बार वह पार्षद का चुनाव जीत चुके है। कांग्रेस की कैंडिडेट सुरिंदर कौर ने नगर निगम के इतने बड़े पद पर रह कर भी लोगो से दुरी बनाई रखी। लोग जब भी उनसे मिलने निगम जाते थे, तो ज्यादातर दफ्तर बंद रहता था। अगर घर जाते थे, तो वह किसी से मिलती ही नहीं थी।
वार्ड नंबर 38 के पूर्व पार्षद ओंकार सिंह टिक्का ने बताया कि उनके वार्ड के साथ ही मैडम सुरिंदर कौर का 39 नंबर वार्ड है। सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर रह कर भी उन्होंने इलाके में कूड़े के 4 डंपो की और कभी ध्यान ही नहीं दिया। जिस कारण रोजाना लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वह कांग्रेस की सरकार में पहली बार पार्षद बने थे। फिर भी उन्होंने इन कूड़े के डंपों से लोगो को निजात दिलवाई। टिक्का ने कहा कि मैडम के कार्यकाल में लोग उनसे मिलने के तरसते ही रहते थे। इसलिए मैडम के वार्ड के लोग अक्सर उनके पास अपनी परेशानिया लेकर आते रहते थे।
वार्ड नंबर 40 के बीजेपी से पूर्व पार्षद रहे वीरेश मिंटू ने कहा कि मोहिंदर भगत को आप पार्टी की ओर से इस उपचुनाव में वेस्ट हलके से टिकट मिली है। जिस कारण लोगो में एक उम्मीद की किरण जग उठी है कि अब उनके हलके का विकास होगा। मैडम सुरिंदर कौर के कार्यकाल मे स्मार्ट सिटी का घोटाला हुआ, उस समय वह विपक्ष में थे। उन्होंने कभी भी सुरिंदर कौर को इस मुद्दे पर कोई चर्चा या ठोस कदम उठाते नहीं देखा। जबकि सीनियर डिप्टी मेयर होने के नाते मैडम का फर्ज था कि इस घोटाले को उजागर कर रुके हुए विकास कार्यो को शुरू करवाती।