जालंधर/वरुणः महानगर में डीसी नगर निगम चुनाव से पहले एक्शन के मूड में दिखाई दे रहे है। सरकार के आदेश पर डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने सभी खंड ब्लाक अधिकारियों नगर निगम, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के कार्यकारी अधिकारियों को कमेटियां गठित कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
कमेटी में बतौर सदस्य लेने के लिए पार्षद को भी दी गई हिदायतें
दरअसल, सरकार ने पूर्व कांग्रेस शासनकाल के दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दी गई विधायक निधियों का हिसाब मांगना शरु कर दिया है। सरकार ने विधायक निधि का कितना सदुपयोग या फिर दुरुपयोग हुआ है इसकी सारी रिपोर्ट तलब की है। नगर निगम, परिषदों और पंचायत स्तर पर अधीक्षण अभियंता (SE) की चेयरमैनशिप में कमेटिया गठित करने के डिप्टी कमिश्नर ने आदेश दिए हैं। आदेश के अनुसार शहरी क्षेत्रों में जिस वार्ड में विधायक निधि के पैसे लगे हैं उस संबंधित वार्ड के पार्षद को भी कमेटी में बतौर सदस्य लेने के लिए हिदायतें दी गई हैं।
पिछले 5 सालों में जारी ग्रांट की कमेटी करेगी जांच
बता दें कि पिछले पांच साल के दौरान पूरे जिले में विभिन्न कार्यों के लिए 499 अलग-अलग सोसायटियों को 106213 रुपये की ग्रांट जारी की गई। जबकि जिला जालंधर में 17741040 लाख रुपये 591 लाभार्थियों को मकान के लिए जारी किए गए हैं। अब इस सारे पैसे की कमेटी जांच करेगी कि यह धरातल पर जिन कामों के लिए जारी हुआ था वहां पर लगा भी है या नहीं।
पत्र में कहा गया है कि जालंधर शहर में विभिन्न वार्डों में खर्च हुई विधायक निधि की सारी जांच नगर निगम की कमेटी करेगी। जबकि नगर निगम की हद में मकानों के लिए जारी की गई ग्रांट की जांच उद्योग विभाग के जनरल मैनेजर करेंगे। डिप्टी कमिश्नर ने कहा, जो भी कमेटियां बनाई जाएंगी वह विधायक निधि से हुए कार्यों का यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट, बिल इत्यादि सभी आंकड़ा विभाग के पास जमा करवाएंगे।
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