जालंधर, अनिल वर्मा/वरुण अग्रवालः हाईप्रोफाईल Bath Castle के निर्माण में हुई गड़ब़ड़ियों को छुपाने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने वाले बिल्डिंग विभाग के एटीपी रवि पंकज सहित भाजपा नेता अरविंदर मिश्रा, कुणाल कोहली एवं आशीष अरोड़ा के बाद अब निगम कमिशनर की भी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। Bath Castle मामले में विजीलैंस ब्यूरो किसी भी वक्त निगम कमिशनर अभिजीत कपिलेश को पूछताछ करने के लिए चंडीगढ़ बुला सकती है। गुप्त सूत्रों अनुसार रिमांड पर लिए गए बिल्डिंग विभाग के एटीपी रवि पंकज ने इंटोरेगेशन दौरान नगर निगम के कई बड़े अफसरों का नाम उगला है।
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जिनकी शह पर शहर में बन रही अवैध बिल्डिंगो पर कानूनी कारवाई करने की बजाए लाखों रुपयों की रिश्वत वसूली जाती है। विजीलैंस ब्यूरो एटीपी रवि पंकज की सैलरी तथा उसकी संपति का रिकार्ड भी हासिल कर रही है तांकि रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में उन सपंतियों को केस में अटैच करने की सिफारिश भी की जा सके। बता दें कि रवि पंकज नगर निगम के फायर बिग्रेड विभाग में बतौर सुपरीडैंट काम करता था मगर पिछले चार महीनों दौरान उसे बिल्डिंग विभाग में एटीपी का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया था जिसमें वह लदेवाली, रामामंडी, दकोहा का एरिया देख रहा था।
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तीन महीनों दौरान निगम कमिशनर की उपलब्धि शून्य
आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा जालन्धर नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली और निगम के राजस्व को पटरी पर लाने के लिए अभिजीत कपलिश को जालन्धर भेजा गया था मगर उन्होने पिछले तीन महीनों दौरान ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे निगम अधिकारियों की कार्यशैली में या निगम के राजस्व में सुधार हुआ हो उल्टा निगम कमिशनर की लापरवाही के कारण इन तीन महीनों दौरान लाखो रुपयों का नुक्सान हुआ है और शहरवासी इन दिनों जमीनी सुविधाएं लेने के लिए जब कमिशनर को मिलने पहुंचते है तो वह दफ्तर से गायब रहते हैं और किसी का फोन तक नहीं उठाते। शहर में कई जगह अभी भी अवैध इमारतें बन रही है जिसकी सूचि कमिशनर को सौंपी गई थी आने वाले दिनों में कमिशनर के खिलाफ माननीय हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।