जालंधर, ENS: पंजाब में पराली जलाने पर मान सरकार द्वारा भले ही सख्त की जा रही है। हालांकि इस मामले को लेकर जिलों के डीसी द्वारा भी सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जा रहे है। लेकिन उसके बावजूद पराली जलाने के मामले सामने आ रहे है। हालांकि पंजाब सरकार द्वारा पराली जलाने से रोक लगाने के लिए 8500 नोडल ऑफिसर लगाए है ताकि पंजाब में पराली को कहीं भी आग ना लगाई जाए। लेकिन इसके बावजूद पराली को आग लगाने के मामले अभी तक 450 से 500 सामने आ चुके हैं। जिनमें 42 मामलों में 112000 का जुर्माना किया गया है। वहीं मामले की जानकारी देते हुए पंजाब पॉल्यूशन बोर्ड के चीफ इंजीनियर डॉक्टर कनेश गर्ग का कहना है कि जल्द ही सरकार कुछ और प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही है।
जिसके द्वारा पराली को पूरे पंजाब भर में से इकट्ठा करने के लिए किसानों को इसकी कीमत भी दी जाएगी। बता दें कि मंगलवार को पराली जलाने के 105 मामले सामने आए थे। खास बात यह है कि पंजाब सरकार के दावों के विपरीत पराली जलाने के बढ़ते मामले लगातार बीते दो सालों का रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में 15 सितंबर से लेकर तीन अक्तूबर तक पराली जलाने के केवल 237 मामले सामने आए थे, जबकि साल 2022 में 350 मामले रिपोर्ट हुए थे।
उधर, जिला प्रशासन ने पटियाला में पराली जलाने वाले किसानों को जुर्माना करने का फैसला लिया है। इस दौरान डीसी साक्षी साहनी ने कहा कि जुर्माना अदा न करने की सूरत में इसको बकाया माना जाएगा। आरोपी किसानों को भविष्य में किसी किस्म की एनओसी भी नहीं मिलेगी। इसके अलावा खेतों में आग लगाने वाले किसानों को नए असलहा लाइसेंस भी जारी नहीं होंगे। वहीं पुराने लाइसेंस को रिन्यू नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन ने चैट बोट तैयार किया है। मशीनरी उपलब्ध कराने में यह चैट बोट सहायक रहेगा। जिले में मंगलवार को किसानों को इस चैट बोट का डेमो दिया दया। इस मौके पर चैट बोट में और सुधार के सुझाव किसानों ने दिए। व्हाट्सएप पर बने चैट बोट के बारे में किसानों को जानकारी दी गई।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.