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भीषण गर्मी में एसी के तापमान को लेकर जल्द हिदायतें होगी जारी

अंबालाः देश में चल रही भीषण गर्मी और लू के बीच आपके AC यानी एयर कंडीशनर पर बहुत जल्‍द टेंपरेचर की लिमिट लगने वाली है। केंद्र सरकार एसी के तापमान को लेकर नया नियम ला रही है। इसके बाद एसी को 20 डिग्री से कम में या 28 डिग्री से ज्‍यादा में सेट नहीं किया जा सकेगा। आसान भाषा में समझाएं तो आप अपने कमरे को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे ठंडा या 28 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म नहीं कर पाएंगे। केंद्र सरकार में मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नया न‍ियम आवासीय, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और गाड़‍ियों में लगने वाले एसी पर लागू होगा यानी घर, ऑफ‍िस और गाड़ी में 20 डिग्री से कम में एसी नहीं चल पाएगा।

दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि एयर कंडीशनिंग के मानकों के तहत जल्द ही नए नियम लागू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में एयर कंडीशनरों में 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 28 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को स्टैंटर्ड बनाया जाएगा। यानी हम एसी में तापमान को 20 डिग्री से ज्यादा ठंडा और 28 डिग्री से ज्यादा गर्म नहीं करेंगे। इससे देशभर में बिकने वाले एसी में तापमान की रेंज को 20 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर दिया जाएगा।

एसी में यह मानक रिहायशी और वाणिज्यिक दोनों तरह के क्षेत्रों के लिए लागू होगा। अगर सरकार इस प्रस्ताव को लागू कर देती है तो एसी निर्माता कंपनियों को ही अपने उत्पादों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बदलाव के जरिए इस रेंज तक सीमित रखने के लिए कहा जा सकता है। यानी उपभोक्ता अगर चाहें तो भी वे एसी का तापमान 20 डिग्री से कम या 28 डिग्री से ज्यादा नहीं कर पाएंगे। फिलहाल देश में जो एयर कंडिशनर आ रहे हैं, उनमें तापमान की सेटिंग को 16 डिग्री या 18 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। वहीं, इनमें अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।

पंकज अग्रवाल के मुताबिक, एसी का तापमान न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से भीषण गर्मी वाले सीजन में भी करीब तीन गीगावॉट तक ऊर्जा की बचत की जा सकेगी। बताया जाता है कि इसे एसी को ज्यादा क्षमता पर काम करने लायक बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही ऊर्जा ग्रिडों पर बोझ कम होगा। चूंकि भारत में बिजली बनाने में अभी भी कोयले का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, इसलिए ऊर्जा उपभोग घटने से प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी। भारत में बिजली से संचालित होने वाले उपकरणों में ऊर्जा मानकों को निर्धारित करने वाली संस्था- ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के मुताबिक, एसी का तापमान हर एक डिग्री ज्यादा होने के साथ छह फीसदी तक ऊर्जा बच सकती है।

अगर आप अपने घर पर एसी को 16 डिग्री सेल्सियस पर चलाते हैं और बाद में इसे 20 डिग्री सेल्सियस कर देते हैं तो आप ऊर्जा खर्च को 24 फीसदी तक कम कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले की एक स्टडी की मानें तो भारत में एसी के तापमान की रेंज सीमित स्तर पर तय करने से 2035 तक देश 60 गीगावॉट तक बिजली बचा सकती है। यानी भारत में इससे नए ऊर्जा संयंत्रों और ग्रिड सिस्टम के लिए संभावित 88 अरब डॉलर (करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये) के खर्च को बचाने में मदद मिलेगी।

 

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