चंडीगढ़ः यूटी के 2 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगा है। चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (सीपीडीएल) की ओर से बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। राजनीतिक दल और बाकी संगठनों के विरोध के बावजूद बढ़े रेट के साथ अब बिजली मिलेगी। एक नवंबर से इसको लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली के रेट 0.94 फीसदी बढ़ा दिए हैं। ऑर्डर के मुताबिक प्रति यूनिट 5 से 10 पैसे तक बढ़ोतरी हुई है। ये फैसला 1 नवंबर से लागू होगा।
घरेलू उपभोक्ताओं (LTDS-II) के लिए 100 यूनिट तक अब 2.80 रुपए की जगह 2.85 रुपए, जबकि 101 से 200 यूनिट तक 3.75 की जगह 3.80 रुपए प्रति यूनिट देना होगा। वहीं, आगे के सालों में 3.86%, 7.21%, 9.29% और 11.10% तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने 7.57% बिजली के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि निजीकरण के बाद यह हमारा पहला टैरिफ आदेश है और हम अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझते हैं।
उन्होंने कहा कि सीपीडीएल, यूटी प्रशासन और JERC के सहयोग से सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाने, तकनीकी नुकसान कम करने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए पूरी तरह समर्पित है। इससे पहले जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (JERC) ने 1 अगस्त 2024 से औसतन 9.4% बिजली दर बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2022–23 में केवल 0 से 150 यूनिट वाले स्लैब में 25 पैसे प्रति यूनिट (लगभग 9.09%) की मामूली बढ़ोतरी की गई थी।
कई उपभोक्ताओं ने मांग की थी कि दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए। इस पर सीपीडीएल ने स्पष्ट किया कि बिजली सब्सिडी देना राज्य सरकार का अधिकार है, आयोग का नहीं। बिजली अधिनियम 2003 की धारा 65 के अनुसार किसी भी वर्ग के उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी का निर्णय संबंधित राज्य सरकार द्वारा किया जा सकता है। कई उपभोक्ताओं ने सुझाव दिया था कि घरेलू बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए।
इस पर चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने कहा कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लागत-आधारित टैरिफ तय करना जरूरी है। आयोग ने भी माना कि वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ताओं के हित में टैरिफ वृद्धि जरूरी है इसलिए टैरिफ बढ़ोतरी को बरकरार रखते हुए इसे उचित बताया गया है। आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह का कहना है कि बिजली को निजी हाथों में देकर सरकार लोगों को लूट रही है। इसकी संभावना पहले से थी। इस लूट में भाजपा की मिलीभगत है। हम आवाज उठाएंगे।