नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। कंपनी में पहले से ही परेशानियां चल रही हैं। वहीं अब एक और परेशानी कंपनी पर आ गई है। कंपनी को फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए 5,8,74,99,439 रुपये का डिमांड नोटिस भेजा गया है। इंडिगो ने शुक्रवार को यह बताया कि सीजीएसटी, दिल्ली साउथ कमिश्नरेट के एडिशनल कमिश्नर से 58.75 करोड़ रुपये का टैक्स पेनाल्टी नोटिस मिला है। इस ऑर्डर में पेनाल्टी के साथ जीएसटी भी शामिल है हालांकि एयरलाइन ने इस आदेश को चुनौती देने की बात कही है।
कंपनी ने दी प्रतिक्रिया
कंपनी के द्वारा इस आदेश को गलत कहा गया है। उनका कहना है कि उसकी योजना इसे चुनौती देने की है। इसके लिए वह बाहरी टैक्स सलाहाकारों से सलाह भी ले रहे हैं। बीएसई को दी गई जानकारी में इंडिगो ने जोर देते हुए कहा कि यह नोटिस उनके फाइनेंशियल स्टेट्स, रोज के कामकाज, बिजनेस एक्टिविटी पर कोई खास असर नहीं डालेगा। इंडिगो ने पहले भी ऐसी जांच का सामना किया है हालांकि अभी का यह नोटिस कंपनी को ऐसे समय पर दिया गया है जब वो पहले से ही एक नाजुक दौर से गुजर रही है।
धीरे-धीरे ठीक हो रही स्थिति
दिसंबर के पहले हफ्ते में इंडिगो लगातार फ्लाइट कैंसिल होने की स्थिति से जूझ रही है। इसके कारण इंडस्ट्रीज में काफी अफरा-तफरी मच गई है। ऑपरेशनल और फाइनेंशियल दवाब के समय में कंपनी को जो जीएसटी नोटिस भेजा गया है वो किसी चुनौती से कम नहीं है। इसी बीच डीजीसीए के इंडिगो संकट में जुटा हुआ है ताकि इसके तह तक जाकर मुख्य कारणों का पता लगाया जा पाए। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने 12 दिसंबर को डीजीसीए अधिकारियों की एक कमेटी के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। वहीं स्थिति अब पहले के मुकाबले धीरे-धीरे ठीक हो रही है।
इन सबके बीच में ग्लोबल ब्रोकरेज जेफरीज ने इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के लिए अपना टारगेट प्राइस कम कर दिया है। कंपनी के द्वारा प्राइस कम करके 6,035 रुपये कर दिया गया है परंतु रेटिंग बाय बरकरार ही रखी गई है। फर्म ने कहा कि हाल में ही हुई ऑपरेशनल दिक्कतों के कारण और बढ़ते खर्चों से शॉर्ट टर्म कमाई पर दवाब पड़ने की संभावना भी है। इंडिगो की मजबूत मार्केट लीडरशीप और चल रहे इंटरनेशनल विस्तार लॉन्ग टर्म के लिए पॉजिटिव आउटलुक को सपोर्ट करते रहेंगे।