केरलः भारत की समुद्री सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय नौसेना को एक ओर नई जेट्टी मिली है, जो सैन्य अभियानों के दौरान नौसैनिकों की तेज आवाजाही को सुनिश्चित करेगी, वहीं दूसरी ओर देश को जल्द ही दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए काल बनने जा रहा युद्धपोत INS अर्नाला मिलने वाला है।
विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड से 18 जून को भारत को एक और सामरिक ताकत मिलने जा रही है। भारत की पहली स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत INS अर्नाला को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
- जिसकी लंबाई: 77 मीटर
- वजन: 1490 टन
विशेषताएं:
- कम गहरे पानी में निगरानी और हमला करने की क्षमता
- पानी के नीचे दुश्मन की गतिविधियों पर सटीक नजर
- पनडुब्बियों की खोज और उन्हें निष्क्रिय करने की ताकत
यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की तटीय निगरानी, समुद्री सुरक्षा और रक्षा क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा करेगा।
भारतीय तटरक्षक बल की ताकत भी अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई है। केरल के विझिनजाम बंदरगाह पर 76.7 मीटर लंबा नया पोत तैनात किया गया है। इसे रविवार को तटरक्षक महानिदेशक परमेश शिवमणि ने औपचारिक रूप से कोस्ट गार्ड को सौंपा।
यह पोत:
- तटों की निगरानी,
- खोज और बचाव कार्य,
- तस्करी रोधी अभियान (जैसे अहम कार्यों में मदद करेगा)
यह रणनीतिक रूप से अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों से मात्र 10 समुद्री मील की दूरी पर है और विझिनजाम इंटरनेशनल ट्रांसशिपमेंट डीपवाटर पोर्ट के नजदीक स्थित है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
भारतीय नौसेना को मिली नई जेट्टी से नौसैनिक अभियानों के दौरान तेजी से तैनाती और वापसी संभव हो सकेगी। इससे संकट के समय तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता में इजाफा होगा।