नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज धरती पर लौट आए हैं। ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत उनके तीन अन्य सहयोगी अंतरिक्ष यात्री भी शुभांशु के साथ ही धरती पर वापसी कर चुके हैं। राकेश शर्मा की 1984 की यात्रा के बाद शुभांशु शुक्ला स्पेस की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। यह मिशन भारत समेत हंगरी और पोलैंड के लिए भी अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक है, क्योंकि इन देशों ने चार दशकों बाद फिर से अंतरिक्ष में भागीदारी की है।
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार हैं और अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉकिंग शाम करीब 4:50 बजे (भारतीय समयानुसार) हुआ है। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट 22.5 घंटे की यात्रा के बाद यानी मंगलवार दोपहर 3:01 बजे IST पर कैलिफोर्निया के तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन किया। यह पूरी प्रक्रिया स्वचालित होगी और उसमें किसी मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से अलग होने के बाद कुछ इंजिन बर्न करेगा ताकि वह खुद को स्टेशन से सुरक्षित दूरी पर ले जा सके।
इसके बाद वह पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करेगा। इस दौरान उसका तापमान 1,600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। दो चरणों में पैराशूट खुलेंगे पहले 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्टेबलाइजिंग चूट्स और फिर लगभग दो किमी पर मेन पैराशूट खुलेंगे, जिससे स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग संभव होगी। वहीं स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- शुभांशु, आपका स्वागत है! पूरा देश आपके घर वापस आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है… क्योंकि एक्सिओम-4 को सफलतापूर्वक अनडॉक करने के बाद आप अपनी वापसी यात्रा शुरू कर रहे हैं।
वहीं हरिद्वार निरंजनी अखाड़े में भी उनकी सकुशल वापसी को लेकर पूजा अर्चना की गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने भगवान भोले का 51 किलो दूध से अभिषेक किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिक और कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज अपनी मिशन पूरी कर वापस आ रहे हैं। इसलिए अखाड़े के साधु संतों ने उनकी सकुशल वापसी की कामना भगवान भोलेनाथ से किया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक किसी देश या किसी परिवार का नहीं होता, वो पूरा मानव जाति का होता है। इसलिए आज उनकी सकुशल वापसी पर अखाड़े में दीपावली मनाई जाएगी।