नई दिल्लीः कभी डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मार्केट कैप हासिल कर चुकी एडुटेक कंपनी बायजू का किस्सा अब खत्म हो चुका है। पिछले कुछ साल से मुश्किलों में घिरा यह स्टार्टअप आखिरकार नीलाम होने की कगार पर पहुंच गया है। राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के मौजूदा मैनेजमेंट को भंग कर दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। कंपनी ने खुद बचाव के लिए एक आखिरी अपील की है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ अपने विवाद को कोर्ट के बाहर सेटलमेंट करने की गुहार लगाई है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों के साथ भी बड़ा खेल कर दिया है।
NCLT ने मंगलवार 16 जून को बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न को बड़ा झटका देते हुए उसके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। ट्रिब्यूनल ने मौजूदा मैनेजमेंट का भंग कर पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम रिज्योलूशन प्रोफेशनल नियुक्त कर दिया है। साथ ही कंपनी के लेंडर्स यानी कर्जदाताओं को जल्द कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स बनाने को कहा है और तब तक इसकी कमान पंकज श्रीवास्तव के हाथ रहेगी। NCLT ने कहा है कि पंकज कमेटी बनने तक कंपनी की कमान संभालेंगे। ट्रिब्यूनल ने बायजू के सभी मामलों को एकसाथ रखने और भी कर्जदाताओं की कमेटी बनाने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू हो जाएगी। अब कंपनी की संपत्तियों का मूल्य निर्धारित किया जाएगा और उसे बेचकर कर्जदाताओं को पैसे चुकाए जाएंगे।
बीसीसीआई ने 8 सितंबर, 2023 को याचिका दायर कर बायजूद के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी। बीसीसीआई का दावा है कि बायजू उसके 158 करोड़ रुपये के भुगतान को डिफॉल्ट कर गई है। इस राशि में जीएसटी नहीं शामिल है। याचिका को स्वीकार करते हुए एनसीएलटी ने कहा कि कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू न करने का कोई ग्राउंड दिखाई नहीं देता है। बायजू के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों ने कंपनी पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कंपनी ने उनका टीडीएस सरकार यानी आयकर विभाग के पास नहीं जमा किया है। इसका खुलासा आईटीआर भरते समय हुआ। कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी स्लिप में टीडीएस काटे जाने का जिक्र है, लेकिन पिछले साल जुलाई से टैक्स को सरकार के पास जमा नहीं कराया।
एनसीएलटी ने कहा है कि दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने तक बायजू अपनी किसी भी संपत्ति का कोई लेनदेन नहीं कर सकती है। आईबीसी नियमों के मुताबिक, कंपनी के प्रबंधन की कमान भी क्रेडिटर्स की कमेटी को सौंप दी जाएगी। हाालंकि, इस बीच बायजू ने बीसीसीआई के साथ अपने विवाद को कोर्ट के बाहर सेटलमेंट करने की गुहार लगाई है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि आदेश के बावजूद हम बीसीसीआई के सहयोग से ‘आउट ऑफ कोर्ट’ सेटलमेंट की कोशिश करेंगे।