नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम चौथी बार एशियन चैंपियन बन गई है। टीम इंडिया ने शनिवार देर रात चेन्नई में हुए रोमांचक फाइनल में मलेशिया को 4-3 से हरा दिया। इस तरह टीम इंडिया ने पूरे टूर्नामेंट में बिना कोई मैच हारे चौथी बार ये खिताब अपने नाम किया। टीम इंडिया ने इससे पहले 2018 में ये खिताब अपने नाम किया था। फाइनल में भारत के स्टार आकाशदीप सिंह रहे, जिन्होंने टीम के लिए आखिरी गोल दागा। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में 7 मैच खेले और सिर्फ 6 जीते, सिर्फ एक मैच ड्रॉ रहा।
चेन्नई के मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में पिछले एक हफ्ते से चल रहे इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम का शुरू से दबदबा जारी रहा था। यहां तक कि फाइनल से पहले लीग राउंड में भी उसका मलेशिया से सामना हुआ था। तब टीम इंडिया ने एकतरफा अंदाज में उसे धो दिया था। भारतीय टीम की 5-0 से उस जीत के बावजूद फाइनल के मुश्किल होने की उम्मीद थी और ऐसा ही हुआ। मलेशिया ने टीम इंडिया को लंबे समय तक बैकफुट पर रखा।
मैच की शुरुआत बेहद कांटे की थी और दोनों टीमों में से कोई भी डिफेंसिव खेल के मूड में नहीं दिखे। अटैक लगातार होते रहे लेकिन पहली सफलता भारत को मिली, जब 9वें मिनट में जुगराज सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागा। मलेशिया ने हालांकि बराबरी में ज्यादा वक्त नहीं लिया और 14वें मिनट में अबु कमाल ने उसके लिए गोल किया। मलेशिया ने इसके बाद दूसरे क्वार्टर में दो गोल दागकर 3-1 की बढ़त ले ली। उसने 18वें और 28वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर भारतीय गोल को भेदा।
डिफेंस में हुई गलतियों के कारण टीम इंडिया को वापसी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी और एक वक्त तो ऐसा लगा कि मलेशिया उसे मात दे देगी। तीसरे क्वार्टर के 14 मिनट के खेल में भारत को कोई सफलता नहीं मिली। फिर आखिरी मिटन में टीम इंडिया ने रोमांचक वापसी की। पहले तो टीम को पेनल्टी मिली, जिसे कप्तान हरमनप्रीत सिंह (45 मिनट) ने गोल में तब्दील कर दिया। फिर कुछ ही सेकेंड में गुरजंत सिंह (45 मिनट) ने एक खूबसूरत फील्ड गोल से टीम को बराबरी पर ले आए।
अब सिर्फ आखिरी 15 मिनट का खेल बाकी था और दोनों टीमों ने अटैक की रफ्तार बढ़ा दी लेकिन सफलता किसी को नहीं मिली। 60 मिनट का खेल पूरा होने से सिर्फ 4 मिनट पहले आकाशदीप सिंह (56 मिनट) ने एक जबरदस्त स्ट्राइक से गेंद को मलेशिया के गोल में दाग दिया और टीम को निर्णायक बढ़त दिला दी। इसके बाद तो भारत ने बचे हुए चार मिनट में मलेशिया को कोई मौका नहीं दिया और खिताब अपने नाम कर लिया।