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बढ़ी तल्खी: इस वजह से एलजी ने सीएम केजरीवाल को नहीं दी इजाजत 

नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मतबल अब केजरीवाल सिंगापुर की यात्रा पर नहीं जा पाएंगे, क्योंकि उनकी फाइल को रिजेक्ट कर दिया गया है। इस प्रस्ताव में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सिंगापुर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में जाने की अनुमति मांगी थी।

Himachal Pradesh

उपराज्यपाल ने सलाह दी है कि प्रथम दृष्टया यह मेयर का सम्मेलन है, जोकि मुख्यमंत्री के शामिल होने के अनुरूप नहीं है। एलजी के इनकार के बाद अब मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्रालय को मंजूरी के लिए पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मंजूरी मिलेगी क्योंकि यह यात्रा विश्व के शहरों के सम्मेलन में भारत को गौरवान्वित करेगी।

मैं सिंगापुर जरूर जाऊंगा: केजरीवाल

उधर, एलजी के द्वारा आवेदन खारिज करने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “मैं सिंगापुर जरूर जाऊंगा”। केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र सरकार इसकी मंजूरी देने में बाधा पहुंचा रही है। इसके लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले दिनों एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें यात्रा को मंजूरी देने में हो रही देरी को गलत बताया था। 

विदेश दौरे को लेकर पहले भी हो चुका है सीएम केजरीवाल का विवाद

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की सिंगापुर यात्रा के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि सम्मेलन में भाग लेना मुख्यमंत्री के लिए ठीक नहीं है। वहीं केजरीवाल ने आरोप लगाया कि एक महीने पहले सिंगापुर यात्रा की इजाजत मांगी गई थी लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने इस दौरे को मंजूरी नहीं दी है, साथ ही उन्होंने कहा कि मैं वहां देश का नाम रोशन करने के लिए जाना चाहता हूं। बता दें कि सीएम केजरीवाल की विदेश यात्रा को लेकर यह पहली बार विवाद नहीं हो रहा है। इससे पहले 2019 में डेनमार्क की यात्रा के लिए केजरीवाल को विदेश मंत्रालय से इजाजत नहीं मिली थी। इसके बाद उन्होंने वर्चुअली वहां आयोजित समिट को संबोधित किया था।

विदेश दौरे के लिए सीएम और सांसदों को केंद्र से लेनी होता है मंजूरी 

मुख्यमंत्री, सांसदों को विदेश दौरे के लिए केंद्र से लेनी होती है मंजूरी किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, सांसद या जनप्रतिनिधि को विदेश यात्रा से पहले केंद्र सरकार से इसके लिए मंजूरी लेनी होती है। इन प्रतिनिधियों का दौरा सरकारी हो या फिर निजी। यही वजह है कि समिट में हिस्सा लेने के लिए सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल जो कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं, के पास अपनी यात्रा की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था।

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