नई दिल्लीः भारत के कई गांवों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां शादी करने को तैयार लड़कियां नहीं मिल रही हैं। शायद आपने ऐसा पहले कभी नहीं सुना होगा, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक ऐसा गांव है जहां के लड़कों से कोई ही नहीं करना चाहता शादी। इसीलिए इस गांव का नाम ‘कुंवारों का गांव’ पड़ गया है। यह हावेरी जिले का जोंदालगट्टी गांव है। नतीजा यह हुआ कि गांव में जन्म दर गिरती जा रही है, और अब हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि गांव के स्कूल में सिर्फ 5 बच्चे ही बचे हैं।
न शादी करने की क्या है वजह?
केरल के जोंदालगट्टी गांव के लड़कों के लिए शादी करना किसी बड़े टास्क से कम नहीं है, क्योंकि लड़कियां और उनके परिवार इस गांव से रिश्ता जोड़ने से साफ इनकार कर देते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर गांव में ऐसा क्या है कि वहां के लड़कों से लड़कियां शादी करने से इनकार कर देती हैं? तो इसके पीछे की वजह सिर्फ गांव की बदहाली है और कुछ नहीं।
इस गांव में स्वास्थ्य सेवाएं, सड़कें, संचार सुविधाएं और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं न के बराबर हैं। जिसकी वजह से यहां के शादी योग्य युवकों को कोई भी लड़की अपनाने के लिए तैयार नहीं होती। करीब 200 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 20 से ज्यादा नौजवान वर्षों से शादी करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई लड़की नहीं मिल पा रही।
स्कूल में सिर्फ 5 बच्चे बचें हैंः-
किसी एक खास जगह पर लंबे समय तक नौजवानों की शादी ना होना उस जगह के भविष्य पर कई तरह के सवाल भी खड़े करता है। जैसा कि नतीजे सामने आना भी शुरू हो चुके हैं। इस घटना का असर स्कूलों पर भी देखने को मिल रहा है। क्योंकि गांव में नए बच्चे पैदा होना बंद हो गए हैं तो, इसलिए स्कूल में इस साल कोई नया दाखिला नहीं हुआ। स्कूल में सिर्फ पढ़ने वाले 5 बच्चे हैं और आंगनवाड़ी पूरी तरह से खाली पड़े है।
जानकारी के मुताबिक जोंदालगट्टी गांव में ज्यादातर मराठा समुदाय के लोग ही रहते हैं। यहां 41 में से 34 परिवार इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जबकि बाकी परिवार ओबीसी समुदाय के हैं। शादी की समस्या को लेकर गांव के कुछ नौजवानों ने हाल ही में विधायक यासिर अहमद खान पठान से जन-संवाद बैठक में अपनी चिंता जताई।
विधायक के साथ मीटिंग के दौरान गांव के लोगों ने बताया कि गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से गुजरना पड़ता है। हालांकि कुछ दिन पहले ही वहां बस सुविधा शुरू हो चुकी है लेकिन यह सिर्फ सुबह के समय मिलती है और फिर शाम को वापस आती है। उन्होंने बताया कि कुंडली वगैरह सब कुछ मिल जाता है लेकिन बस लड़कियां गांव की बदहाली देकखर शादी करने से इनकार कर देती हैं।