टेकः ठंडे का सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में गीजर की डिमांड बढ़ने लगी है। आज मार्केट में तमाम तरह के गीजर उपलब्ध हैं। इतने सारे ऑप्शन देखकर यह सवाल मन में जरूर आता है कि घर के लिए इन्सुलेटेड गीजर खरीदना चाहिए या फिर नॉन-इन्सुलेटेड गीजर? इसके अलावा आखिर इन दोनों में फर्क क्या है? आपको बता दें कि इन गीजर के बीच फर्क सिर्फ कीमत या ब्रांड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके बिजली बिल, पानी की गर्मी और टिकाऊपन पर भी असर डालता है।
1- इन्सुलेटेड गीजर वो होते हैं, जिनमें मौजूद पानी स्टोर करने की टंकी चारों तरफ PUF यानी कि Polyurethane Foam नाम की मोटी इन्सुलेशन लेयर से कवर होती है। इससे गीजर की टंकी में से गर्म पानी की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती। इसका फायदा यह होता है कि पानी एक बार गर्म होने के बाद काफी समय तक गर्म रहता है और गीजर को बार-बार इस्तेमाल नहीे करना पड़ता। इससे न सिर्फ आपकी बिजली बचती है बल्कि ओवर यूज न होने की वजह से गीजर की लाइफ भी बढ़ जाती है।
2- नॉन-इन्सुलेटेड गीजर जैसा कि इसके नाम से ही समझ में आता है इस तरह के गीजर में पानी की गर्मी को रोक कर रखने के लिए किसी तरह की कोई लेयर नहीं होती। ऐसे में इस तरह के गीजर पानी को जितनी तेजी से गर्म करते हैं, उनमें पानी उतनी ही तेजी से ठंडा भी हो जाता है। इससे हर बार गर्म पानी के लिए गीजर को ऑन करना पड़ता है और इससे बिजली की खपत बढ़ती है। इस तरह के गीजर उन लोगों या जगहों के लिए ठीक है, जिन्हें कुछ एक-दो महीने के लिए गीजर इस्तेमाल करना होता हो और उनके यहां गीजर इस्तेमाल करने वाले सदस्य भी कम हों। इस तरह के गीजर इन्सुलेटेड गीजर के मुकाबले सस्ते भी पड़ जाते हैं।