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उद्योग जगत की मांगों पर गौर नहीं हुआ तो शिमला में सचिवालय के बाहर करेंगे घेराव:अशोक राणा

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बददी/सचिन बैंसल: हिमाचल प्रदेश में उद्योगों के भविष्य की लड़ाई के लिए प्रदेश में एक नए राज्य स्तरीय औद्योगिक संगठन लघु उद्योग संघ हिमाचल का गठन कर दिया गया है। शुक्रवार देर शाम को औद्योगिक संगठनों व उद्यमियों के बीच हुई चर्चा के बाद इस संगठन का गठन कर दिया गया है। संगठन में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी उद्यमी अशोक राणा (जयसिंहपुर कांगड़ा) और साथ ही अनिल मलिक (बरोटीवाला) को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही संगठन सचिव आर.एस. राणा (नालागढ़) और चेयरमैन बिचित्र सिंह पटियाल (बिलासपुर) तथा राजीव कंसल (बददी)को मनोनीत किया गया है। संगठन ने फैसला किया है कि हिमाचल प्रदेश में मौजूद औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही इकाइयों की समस्याओं पर मंथन के बाद उनके समाधान का कार्य किया जाएगा ।

उद्यमियों के हित की मांगों के लिए हम स्ट्राइक से उद्यमियों का नुकसान नहीं करेंगे, बल्कि एकत्रित होकर शिमला सचिवालय का घेराव करेंगे, ताकि अपनी मांगों को लेकर सरकार को चेताया जा सके । हमारा प्रयास है कि सरकार उद्यमियों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर लें, जिससे प्रदेश में उद्योगों का कारोबार चलता रहेगा। पूरे प्रदेश से दो सौ के लगभग उद्यमियों के इस विशाल उद्यमी सम्मेलन में बीबीएन उद्योग संघ के संगठन मंत्री मुकेश जैन, नालागढ़ उद्योग संघ की प्रधान अर्चना त्यागी, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रदेशाध्यक्ष चिरंजीव सिंह ठाकुर, हिमाचल कल्याण सभा के प्रधान कुलवीर जमवाल और हिमाचल ड्रग मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन के चेयरमैन सतीश सिंघल ने विशेष तौर पर मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की।

चुनाव के बाद पत्रकारों से बातचीत में लघु उद्योग संघ के राज्य अध्यक्ष अशोक राणा ने बताया कि पिंजौर और नालागढ़ नेशनल हाइवे के बीच कई महत्वपूर्ण पुल इस समय टूट चुके हैं। सरकार को इस तरफ ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इन पुलों को समय पर बदल दिया जाता तो आज उद्यमियों को रोजाना घंटों ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना पड़ता। अब पुल टूटने के बाद काफी लंबा समय बीत गया है, लेकिन अब तक अस्थाई पुल का भी निर्माण एनएचएआई नहीं करवा पाया है। सरकार ने क्षेत्र के संपर्क मार्गों के लिए बजट जारी नहीं किया है, जिससे उद्यमियों को आवाजाही में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज बद्दी व नालागढ़ में कोई बेहतर आवासीय कॉलोनी विकसित नहीं हो पाई है, जिसके चलते 80 फीसदी उद्यमी ट्राइसिटी या फिर अन्य शहरों में निकल जाते हैं।

दवा उद्योग प्रबंधक व एचडीएमए के पदाधिकारी सतीश सिंघल ने नए संगठन के गठन के अवसर पर कहा कि बद्दी नालागढ़ को आज तक केवल कलेक्शन सेंटर से अधिक नही समझा गया है। यहां आज तक बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने में सरकारें नाकाम नहीं हैं। क्षेत्र में कोई बेहतर आवासीय सुविधा नहीं हैं। सडक़ें बदहाल हैं, रेलवे कनेक्टिविटी नहीं है। उन्हें अपना सारा कच्चा मैटीरियल पोर्ट से महंगी परिवहन के जरिए मंगवाना पड़ता है। बीबीएनआईए पदाधिकारी मुकेश जैन ने कहा कि बीबीएन से 100 करोड़ जीएसटी टैक्स प्रतिदिन सरकार को जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी बीबीएन क्षेत्र में आई आपदा की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह क्षेत्र उपेक्षा का शिकार हो रहा है।

नालागढ़ उद्योग संघ की अध्यक्ष अर्चना त्यागी ने कहा कि प्रदेश में अब बिजली महंगी कर दी गई है। ऐसे में यहां के उद्यमी अब धीरे धीरे दूसरे राज्यों में अपना बेस बनाना शुरू कर चुके हैं। लघु उद्योग संघ के चेयरमैन राजीव कंसल ने कहा कि हालात को सामान्य नहीं किया गया तो पलायन में तेजी आएगी, जो प्रदेश के लिए सुखद नहीं होगी। लघु उद्योग संघ के चेयरमैन विचित्र पटियाल ने संगठन की आगामी कार्यप्रणाली बारे विस्तार से जानकारी दी।
स्वागत भाषण डा संदीप सचदेवा ने रखा वहीं धन्यवाद प्रस्ताव हरीश शर्मा ने रखा। इस दौरान नालागढ़ इंडस्ट्री एसोसिएशन अध्यक्ष अर्चना त्यागी, गत्ता उद्योग संघ प्रधान हेमराज चौधरी व बीबीएनआईए पदाधिकारी मुकेश जैन, लघु उद्योग भारती के पूर्व अध्यक्ष राजीव कंसल, लघु उद्योग भारती के मार्ग दर्शक एन.पी कौशिक, हिम औद्योगिक कल्याण सभा के प्रदेशाध्यक्ष कुलवीर जमवाल (मंडी), फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रदेशाध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर(कुल्लू), उपाध्यक्ष सुमित सिंगला, संजय बतरा, देवव्रत यादव, आशिमा जैन, मोहिंद्र, विपुल शर्मा, हरिओम, सतपाल जस्सल (उना) सहित कई औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी उद्यमी शामिल रहे।

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