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Himachal News: सबके सपनों का सुखमय बजट

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आलू प्रोसेसिंग यूनिट की घोषणा से गदगद ऊना वासी, दूध के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से चहके किसान

बोले… ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती से आत्मनिर्भर हिमाचल के संकल्प को पूरा करने वाला है बजट

ऊना/सुशील पंडित:  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा सोमवार को प्रस्तुत किए गए 2025-26 के बजट को ऊना जिला वासियों ने ‘सबके सपनों का सुखमय बजट’ करार दिया है। विशेष रूप से ऊना जिले के लिए की गई घोषणाओं से स्थानीय लोग बेहद प्रसन्न हैं। उनका कहना है कि यह बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर आत्मनिर्भर हिमाचल के संकल्प को साकार करने वाला है।

आलू की खेती में लगे किसानों को सौगात
मुख्यमंत्री द्वारा अपने बजट भाषण में ऊना में आलू प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा से ऊना वासी गदगद हैं। ऊना में आलू की अच्छी पैदावार होती है और यहां का आलू देशभर में प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने आलू प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया है। आलू की खेती से जुड़े पंडोगा के किसान अजय ठाकुर और गुरपाल चौधरी समेत क्षेत्र के अनेकों किसानों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आलू की खेती में लगे लोगों को बड़ा संबल मिलेगा।

दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था पर बल, किसानों को समर्थन मूल्य का संबल
वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा दूध की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के फैसले से किसान अत्यंत प्रसन्न हैं। बजट में गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का मूल्य 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की गई है। हरोली के रोड़ा की पुष्पा देवी, बढेड़ा की सोनिया राणा और बंगाणा के कोटला खास के राजेश कुमार, छपरो के राज कुमार का कहना है कि जिले में हजारों किसान दूध उत्पादन और व्यापार से जुड़े हैं, जिन्हें इस निर्णय से सीधा लाभ होगा।

इसके अलावा, गगरेट के दियोली के अनिल डढवाल और कलोह के अजय पाल सिंह और हरोली के चन्नन सिंह ने मुख्यमंत्री ने इस भी घोषणा की मुक्त कंठ से सराहना की है जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि कोई किसान या सोसाइटी अधिसूचित एकत्रण केंद्र से 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित केंद्र पर स्वयं दूध लेकर जाते हैं, तो उन्हें 2 रुपये प्रति लीटर की दर से ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दी जाएगी।

प्राकृतिक खेती से किसानों की खुशहाली
प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देते हुए, मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक रूप से तैयार मक्की के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलो और गेहूं का मूल्य 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलो करने की घोषणा की है। लोअर बढ़ेड़ा के किसान रघुवीर सिंह और ऊना के सासन के बलविंद्र का कहना है कि इस निर्णय से लोगों का जहरमुक्त खेती की ओर रुझान बढ़ेगा और युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

इसके अतिरिक्त,यह घोषणा भी की गई है कि यदि कोई किसान 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित अधिसूचित एकत्रण केंद्र पर स्वयं फसल लेकर जाता है, तो उन्हें 2 रुपये प्रति किलो की दर से फ्रेट सब्सिडी भी दी जाएगी। चिंतपूर्णी के रपोह गांव के रविंद्र कुमार और बंगाणा के लठियाणी की सत्या देवी समेत अनेक नागरिकों ने इस निर्णय को किसानों को ताकत देने वाला बताते हुए तारीफ की है। वहीं, मुख्यमंत्री की हरोली में निर्माणाधीन बल्क ड्रग पार्क परियोजना को और गति देने और ऊना में छात्राओं के लिए होस्टल निर्माण समेत अन्य सभी जनकल्याणकारी घोषणाओं का भी क्षेत्रवासियों ने खुले मन से स्वागत किया है।

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