वॉटर पार्क के रेस्टोरेंट में खराब तेल और कलर से बन रहा फास्ट फूड
जयपुरः खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने 2 दिन में राजस्थान के 3 जिलों जयपुर, अजमेर और जालोर में फूड सैंपल लेकर कार्रवाई की है। जयपुर में मंगलवार को एक फैक्ट्री से 3358 किलो अचार-मुरब्बा सीज किया, वहीं पोलोविक्ट्री इलाके से एक ट्रैवल एजेंट के ऑफिस से 1500 किलो नकली घी सीज किया। अजमेर के एक रेस्टोरेंट में फास्ट फूड में इस्तेमाल किया जा रहा खराब क्वालिटी का तेल और चाऊमीन में यूज किए जाने वाले कलर को जब्त किया। सोमवार को जालोर में हुई कार्रवाई में पाम ऑयल से घी बनाने की आशंका में 289 किलो घी और 133 किलो पाम ऑयल को सीज किया।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया- हमारी टीम ने मंगलवार को जयपुर के मालवीय नगर इंडस्ट्रियल एरिया में अपेक्स सर्किल के पास श्रीनाथ अचार फैक्ट्री पर छापा मारा। जहां हमें कई कमियां नजर आईं और गंदगी भी मिली। टीम ने जब फैक्ट्री में अचार तैयार करने में उपयोग होने वाले केमिकल की जांच की तो देखा कि उनमें से कई पैकेट्स पर न तो एक्सपायरी डेट थी और न ही मैन्युफैक्चरिंग डेट मेंशन थी। ओझा ने बताया कि जिन डिब्बों में रखकर अचार बनाया जा रहा था, वह भी बहुत गंदे थे। इसके साथ ही तैयार अचार और मुरब्बे को प्लास्टिक के कंटेनरों में रखा जा रहा था, जिन पर बहुत गंदगी लगी थी। उत्तर प्रदेश से आए अचार में सॉस और मुरब्बा मिलाकर मिक्स अचार तैयार किया जा रहा था।
ओझा ने बताया- गंदगी में बिना एक्सपायरी डेट मेंशन वाले केमिकल से तैयार किए गए अचार की खेप को अब सीज किया जा रहा है। सैंपल लेकर लैब में टेस्टिंग के लिए भिजवाया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने अचार फैक्ट्री से 81 टिन (1458 किलो) आंवला मुरब्बा और 120 टिन (1800 किलो) लाल मिर्च का अचार सीज किया। इसके साथ ही 100 किलो कैर का अचार नष्ट करवाया। 500 किलो लाल मिर्च पाउडर भी जब्त किया। पोलोविक्ट्री के पास स्थित इंटरसिटी ट्रैवल्स से खाद्य विभाग की टीम ने 1500 किलो नकली घी की खेप बरामद की है। यह बाजार में 290 रुपए किलो में बेचा जा रहा है। इंदौर (मध्य प्रदेश) में बनवाकर श्री राम मिल्क फूड द्वारा जयपुर में झोटवाड़ा रोड स्थित पिंकसिटी टावर में मंगवाकर जयपुर शहर में बेचा जा रहा है।
इंदौर से ट्रैवल्स के जरिए यह नकली मिलावटी घी मंगवाया जा रहा था। आज दोपहर अजमेर में हेल्थ डिपार्टमेंट की फूड सेफ्टी टीम ने बिड़ला सिटी वाटर पार्क के रेस्टोरेंट की जांच की। यहां पर खराब तेल यूज किया जा रहा था। चाऊमीन और अन्य फास्ट फूड में आर्टिफिशियल कलर का यूज किया जा रहा था, जिसे नष्ट किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा ने बताया- रेस्टोरेंट में फास्ट फूड में खराब क्वालिटी का तेल इस्तेमाल किया जा रहा था। इस तेल से छोले-भटूरे, ब्रेड पकोड़ा और चाऊमीन बना रहे थे। इसकी जब टोटल प्लेट काउंट (TPC) मीटर से जांच की गई तो रीडिंग अधिकतम 25 के स्थान पर 43 पाई गई। यह तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक था।
बता दें कि TPC परीक्षण खाद्य नमूने में मौजूद बैक्टीरिया की संख्या निर्धारित करता है। इसका उपयोग खाद्य के माइक्रोबियल प्रदूषण और सेफ्टी का आकलन करने के लिए किया जाता है। रेस्टोरेंट मैनेजर रामनिवास शर्मा से जब इस बारे में पूछा गया तो बताया कि सुबह कढ़ाई में तेल भरते हैं, देर शाम तक गर्म होता रहता है। ऑर्डर के अनुसार छोले-भटूरे और ब्रेड पकोड़ा रोजाना करीब 300-400 प्लेट तैयार होता है। मौके पर तैयार की गई चाऊमीन में फूड कलर पाया गया, जिसे नष्ट करवाया गया। फूड कलर के 10 डिब्बों को मौके पर नष्ट करवाया गया। रेस्टोरेंट से मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, रिफाइंड सोयाबीन तेल, आटा, बेसन, चाय के नमूने जांच के लिए जब्त किए गए।
जालोर में पाम ऑयल से घी बनाने की आशंका के चलते कार्रवाई की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमाशंकर भारती ने बताया- सोमवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी हनवन्त सिंह के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा टीम ने सोमवार को सारणेश्वर मिल्क डेयरी फार्म मेड़ा उपरला का निरीक्षण किया। इस दौरान जांच के लिए भैंस का दूध, खुला घी, मिल्क क्रीम और पाम ऑयल के 5 नमूने लिए गए। साथ ही डेयरी पर पाम ऑयल के 9 डिब्बे पाए जाने और पाम ऑयल से घी बनाने की आशंका पर 289 किलो घी तथा 133 किलो पाम ऑयल को मौके पर ही सीज किया गया। टीम ने सभी नमूने जांच के लिए जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला जोधपुर को भिजवाए हैं।
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