- Advertisement -
HomeHaryanaहरियाणा में सरकार की सख्ती के खिलाफ किसान नेता का आया बयान,...

हरियाणा में सरकार की सख्ती के खिलाफ किसान नेता का आया बयान, देखें वीडियो

हरियाणा : किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की घोषणा की है। जिसे लेकर हरियाणा की खट्टर सरकार ने जहां प्रदेश के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है, तो वहीं अब पंचकूला में धारा 144 लागू कर दी गई है। किसान जत्थेबंदियों द्वारा केंद्र सरकार से अपनी मांगो को पूरा करने को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया गया था। जिसके तहत भारी मात्रा में किसान दिल्ली की और रवाना हो चुके है। दिल्ली पहुचंने से पहले हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए कई जिलों मे धारा 144 लागू कर कर दी है और इंटरसेवाएं भी बंद कर दी है। जिस पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार हमें बातचीत का न्योता दे रही है,  वहीं दूसरी ओर हरियाणा में हमें डराने की कोशिश की जा रही है।

बॉर्डर सील किए जा रहे हैं। धारा 144 लगा दी गई है। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इंटरनेट सेवा बंद करने का क्या सरकार के पास अधिकार है? ऐसे में सकारात्मक माहौल में बातचीत नहीं हो सकती है। सरकार इस तरफ तुरंत ध्यान दे।” बता दें कि हरियाणा सरकार ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले शनिवार को सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और एक साथ कई SMS (संदेश) भेजने पर रोक लगा दी।

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, 11 फरवरी को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी को रात 11.30 बजे तक अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के संबंध में कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए 13 फरवरी को 200 से अधिक किसान यूनियनों के समर्थन से ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा की है। 

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

- Advertisement -

You cannot copy content of this page