Loading...
- Advertisement -
HomeInternationalफ्रांस के राष्ट्रपति ने Donald Trump को दी सलाह, नोबेल शांति पुरस्कार...

फ्रांस के राष्ट्रपति ने Donald Trump को दी सलाह, नोबेल शांति पुरस्कार लेने का बताया तरीका

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति सच में नोबेल शांति पुरस्कार जीतना चाहते हैं तो उनको गाजा में चल रहे युद्ध को रोकना पड़ेगा। फ्रांस राष्ट्रपति ने न्यूयॉर्क में फ्रांस के एक टीवी चैनल से बात के दौरान कहा कि ट्रंप के पास इजरायल पर दबाव डालने की शक्ति है।

Read in english:

Want a Nobel, Trump? Macron Explains the Gaza Way to Peace Prize Glory

मैक्रो का यह मानना है कि अमेरिका के पास इतनी शक्ति इस वजह से है क्योंकि वही इजरायल के हथियार और युद्ध उपकरणों की सप्लाई पूरी करता है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति का यह कहना है कि – ‘एक शख्स है जो इस बारे में कुछ कर सकता है और वह अमेरिका के राष्ट्रपति है’। उन्होंने कहा कि – ‘अमेरिका के पास यह ताकत इसलिए है क्योंकि हम हथियार की आपूर्ति नहीं करते जो गाजा में युद्ध की अनुमति देते हैं। हम ऐसे उपकरण की आपूर्ति नहीं करते जो गाजा में युद्ध करने की अनुमति देते हैं, अमेरिका करता है’।

इस तरह मिलेगा ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार

मैक्रो ने यह साफ तौर पर कहा है कि यदि ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार जीतना चाहते हैं तो उनको इजराइल पर दबाव डालना चाहिए कि वह गाजा में अपना युद्ध बंद कर लें। उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिका को ही गाजा में चल रहे युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका ही इजरायल को हथियार की सप्लाई करता है।

157 देश दे चुके हैं फिलिस्तान को मान्यता

अब के समय में फिलिस्तान स्टेट को संयुक्त राष्ट्र को 193 सदस्य देशों से 157 देशों के द्वारा एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर मान्यता मिली है। इंटरनेशनल कम्युनिटी का 81 फीसदी प्रतिनिधित्व फिलिस्तान ही करता है। इसके अलावा फिलिस्तान को कैथोलिक चर्च से जुड़े निकाय होली सी और वेटिकन सिटी के द्वारा भी मान्यता मिली हुई है। इसे संयुक्त राष्ट्र के तौर पर गैर सदस्य पर्यवेक्षक का दर्ज भी मिला है। फिलिस्तान को मान्यता मिलने से ग्लोबल लेवल पर देश की ताकत मजबूत होती है। इजरायली अधिकारियों को उनके कब्जे के लिए जवाबदेह ठहराने की क्षमता इससे बढ़ेगी और पश्चिमी शक्तियों पर द्वि-राज्य समाधान की दिशा में काम करने का दबाव बनेगा।

 

 

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page