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पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को मिली जान से मारने की धमकी

अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, पुलिस ने जांच में जुटी,आरोपी के निकाल रहे फोन कॉल डिटेल 

ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री कुटलैहड़ से चार बार लगातार भाजपा विधायक रहे वीरेंद्र कंवर को जान से मारने और अगवा करने की धमकी  जिला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

थाना बंगाणा में यह एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस ने आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच तेज़ कर दी है।ऊना जिला  पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरोपी की कॉल डिटेल्स निकाली जा रही है। ताकि जल्द से जल्द उसकी पहचान की जा सके और उसे गिरफ्तार किया जा सके। एसपी ने बताया कि पुलिस की एक विशेष टीम को इस जांच के लिए गठित किया गया है जो तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को मिली इस धमकी की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कुटलैहड़ क्षेत्र के विधायक विवेक शर्मा ने स्वयं फोन कर वीरेंद्र कंवर से उनका हालचाल जाना और उन्हें हर संभव सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। इन नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की घटनाएं निंदनीय हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार धमकी देने वाले व्यक्ति ने फोन पर वीरेंद्र कंवर को अगवा करने और जान से मारने की धमकी दी। साथ ही, उसने पैसे के लेन-देन की बात करते हुए उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी।

यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह धमकी किसी निजी रंजिश, राजनीतिक द्वेष या अन्य कारणों से दी गई है। पुलिस इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। फोन कॉल की प्रकृति को देखते हुए पुलिस को आशंका है कि यह मामला साइबर क्राइम से भी जुड़ा हो सकता है। आरोपी ने जिस मोबाइल नंबर से कॉल किया, वह किसी फर्जी नाम या चोरी किए गए दस्तावेज़ों से पंजीकृत हो सकता है। पुलिस की साइबर सेल भी इस दिशा में काम कर रही है ताकि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर मामले की तह तक पहुंचा जा सके। इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भी चिंता का माहौल है।

वीरेंद्र कंवर कुटलैहड़ क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं और क्षेत्र में उनका व्यापक जनसमर्थन है। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि एक वरिष्ठ नेता को इस तरह की धमकी मिल सकती है, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है। ऐसे मामलों में प्रशासन और सरकार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा सीधे संपर्क कर मामले की जानकारी लेना एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्पर है। पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को मिली जान से मारने की धमकी ने प्रदेश में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन जब तक आरोपी गिरफ्त में नहीं आता, तब तक चिंता बनी रहेगी। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था की परीक्षा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि डिजिटल युग में साइबर अपराध और फर्जी पहचान के जरिए किस तरह से खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। जनता, प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व को मिलकर ऐसे मामलों से निपटना होगा।

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