नई दिल्ली: न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) के 80वें सेशन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधन किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को काफी सुनाया है। विदेश मंत्री ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखा। इसके अलावा उन्होंने आतंकवाद को घोषित करने में पाकिस्तान की भूमिका, पहलगाम हमला और टेरर फंडिंग को लेकर भी पड़ोसी देश की आलोचना की। विदेश मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए अपने संबोधन में कहा कि कुछ देशों के लिए आतंकवाद स्टेट पॉलिसी बन गया है।
Our statement at the General Debate of the 80th session of the UNGA. #UNGA80
https://t.co/kqiiJo82Iz— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 27, 2025
भारत को किया गया बदनाम
पाकिस्तान विदेश मंत्री की ऐसी बातें सुनकर भड़क चुका है। अपने उत्तर देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने भारत पर आतंकवाद के बारे में गलत आरोपों के साथ पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया है। अपने संबोधन के दौरान भले ही विदेश मंत्री ने उस देश का नाम नहीं लिया परंतु पाकिस्तान भड़क गया है।
पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने यह दावा कर दिया है कि भारत के आरोप झूठे हैं। भारत का कहना है कि इससे पता चलता है कि पड़ोसी देश जिसका नाम भी नहीं लिया गया था फिर भी वो जवाब देने और सीमा पार आतंकवाद को लेकर अपने लंबे समय से चली आ रही गतिविधियों को स्वीकार करने का ऑप्शन चुन रहा है।
पूरी दुनिया के लिए खतरा है पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में सेकेंड सेक्रेटरी ने कहा कि पाकिस्तान की प्रतिष्ठा अपने आप में बहुत कुछ बताती है। आतंकवाद में उसकी छाप कई भौगोलिक क्षेत्रों में साफ दिखती है। यह न सिर्फ अपने पड़ोसियों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। कोई भी तर्क या झूठ आतंकवादियों के अपराध को नहीं छूपा सकता।
आतंकवादियों पर लगना चाहिए प्रतिबंध
उन्होंने आंतकवाद की फंडिंग रोकने और मुख्य आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की जरुरत पर बल दिया है। यह चेतावनी देते हुए पूरे टेरर इकोसिस्टम पर लगातार दबाव पड़ना चाहिए और जो भी लोग आतंकवाद के प्रायोजकों का समर्थन करते हैं उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में में उसके नागरिक भरे पड़े हैं।
अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या को सीमा पर कायरता का उदाहरण बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा कर दिया है।