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प्रायोजन पालन पोषण संबंधी देखभाल योजना के तहत 191 बच्चों को प्रदान किये 44 लाख 88 हजार रुपए के वित्तीय लाभ: एडीसी

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ऊना/सुशील पंडित : जिला ऊना में प्रयोजन पालक देखभाल योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सितंबर 2023 तक 191 बच्चों को 44 लाख 88 हजार रुपए के वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं। योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रतिमाह 4500 रुपए की सहायता राशि पालन पोषण संबंधी देखभाल के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर (भाप्रसे) ने मिशन वात्सल्य के तहत जिला बाल संरक्षण समिति की दूसरी त्रैमासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही के दौरान योजना के तहत 193 बच्चों को वित्तीय लाभ प्रदान किया जा रहा है इनमें से दूसरी तिमाही के दौरान 6 बच्चे 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं जबकि 6 नए पात्र बच्चों को योजना में शामिल किया गया है। चालू वित्त वर्ष में 191 बच्चों को योजना का वित्तीय लाभ प्रदान किया जा रहा है। जबकि दो बच्चों से संबंधित मामले निदेशालय महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश को स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं।

महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना-2023 के विभिन्न घटकों के तहत जिला में कुल 43 मामले प्राप्त हुए हैं जिनमें से 13 मामले स्वीकृत किये जा चुके हैं जबकि 24 मामले संबंधित कमेटियों के पास स्वीकृति के लिए लंबित हैं इनमें से छः अपात्र मामले अस्वीकार हुए हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में अनाथ बच्चों के संपत्ति से संबंधित मालिकाना हक की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष व सदस्यों को निर्देश दिए कि वे जिला में प्रेम आश्रम तथा संप्रेषण गृह के अलावा जवाहर नवोदय विद्यालय का नियमित दौरा करें तथा 16 वर्षीय कम आयु के बच्चों से संबंधित सभी व्यवस्थाओं व सुविधाओं का निरीक्षण करें।

उन्होंने बताया कि प्रायोजन पालक देखभाल योजना के अंतर्गत विधवा तलाकशुदा तथा परित्यक्त महिलाओं के बच्चों, विस्तृत परिवारों में रह रहे अनाथ बच्चों, गंभीर व लाइलाज बीमारी से ग्रस्त माता-पिता के बच्चों, वित्तीय तथा शारीरिक रूप से अक्षम माता-पिता के बच्चों, पीएम केयर योजना के लाभार्थी बच्चों, के अलावा प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों, बाल मजदूरों, एचआईवी एड्स प्रभावित बच्चों तथा दिव्यांग बच्चों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।

बैठक में अध्यक्ष बाल कल्याण समिति मीनाक्षी राणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) नरेंद्र कुमार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुखदीप सिंह, जिला रोजगार अधिकारी अक्षय शर्मा, निरीक्षक पुलिस विभाग अशोक कुमार तथा श्रम अधिकारी सोहन लाल जलोटा के अतिरिक्त सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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