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ट्रिपल आईटी ऊना में नवाचार और उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

ऊना/सुशील पंडित: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) ऊना में सोमवार को नवाचार और उद्यमिता विषय पर 5 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू हुआ। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। ट्रिपल आईटी ऊना को देशभर से प्राप्त 1700 से अधिक आवेदनों में से शीर्ष 50 संस्थानों में चुना गया है और यह हिमाचल प्रदेश से चयनित एकमात्र संस्थान है, जो संस्थान और राज्य दोनों के लिए गर्व की बात है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में एएटूआइटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं ग्लोबल सीटीओ डॉ. ऋषि मोहन भटनागर, एनएसयूटी दिल्ली की प्रो. प्रेरणा गौर (प्रोफेसर एवं प्रमुख, इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल डिपार्टमेंट), तथा ट्रिपल आइटी ऊना के निदेशक प्रो. मनीष गौर, विशेष रूप से उपस्थित रहे।

ट्रिपल आईटी ऊना के निदेशक प्रो. मनीष गौर ने बताया कि यह फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान की मानसिकता को विकसित करने की दिशा में एक आंदोलन है। हमारा उद्देश्य शिक्षकों को उनके संस्थानों में नवाचार के वाहक और परिवर्तन के प्रेरक के रूप में सक्षम बनाना है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय और एआईसीटीई का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम के समन्वयकों को एक उत्कृष्ट कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई दी।

इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समन्वयन दिव्यांश ठाकुर, स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग द्वारा किया जा रहा है। इसमें हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, और मनाली से चुने गए 45 फैकल्टी प्रतिभागी शामिल हुए हैं, जो समावेशी अकादमिक विकास की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रतिभागी आगामी दिनों में आईआईटी, आईआईएम और ट्रिपल आईटी और सफल स्टार्टअप संस्थापकों जैसे प्रमुख वक्ताओं द्वारा लिए जाने वाले विशेष सत्रों, वर्कशॉप और इंटरएक्टिव गतिविधियों में भाग लेंगे। कार्यक्रम में डिज़ाइन थिंकिंग, नवाचार की संस्कृति, स्टार्टअप इकोसिस्टम, इनक्यूबेशन स्ट्रैटेजीज और एनइपी 2020 को नवाचार के संदर्भ में लागू करने जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। डॉ. ऋषि मोहन भटनागर ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्टार्टअप संस्कृति और भविष्य की तकनीकों पर अपने विचार साझा किए। प्रो. प्रेरणा गौर ने अपने समृद्ध अकादमिक अनुभव और नवाचार को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता से प्रतिभागियों को प्रेरित किया।

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