जालंधर/अमृतसर/मोगा/गुरदासपुर/बठिंडाः देश भर में आज बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। बकरीद को ईद-उल-अजहा, ईद उल जुहा, अथवा ईद उल बकरा के नाम से भी जाना जाता है। जालंधर सहित कई जिलों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। इस दौरान भड़ी संख्या में मुस्लिम भाईचारा इक्ट्ठा हुआ।
जालंधर में गुलाब देवी रोड पर नमाज पढ़ी गई। जिसके बाद मुस्लिम भाइचारे ने एक-दूसरे को गले लगाकर त्यौहार की बधाई दी। अमृतसर की जामा मस्जिद में नमाज़ अदा की गई। जहां मुस्लिम समुदाय ने बड़ी संख्या में ईद उल-अज़हा की नमाज़ पढ़ी, वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा पूर्ण प्रबंध किए गए। नमाज़ के दौरान अल्लाह से सर्वजन की भलाई की दुआ की। उन्होंने कहा कि भारत देश से भी कई हाजी सऊदी अरब में ईद की नमाज अदा करने गए हैं, जिनमें पंजाब से करीब 320 हाजी शामिल हैं जिन्होंने वहां सुख-शांति और भाईचारे की भावना के साथ ईद की नमाज़ अदा की।
वहीं मोगा में भी बकरीद का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। सभी मुस्लिम बिरादरी के लोगों ने मस्जिद में इकट्ठे होकर बकरीद, ईद उल अजहा की नमाज अदा की। इस मौके मौलवी ने कहा कि हमारा पैगाम नफरत को दूर करना है और एक-दूसरे को गले लगाना और प्यार देने का संदेश है। यह त्यौहार आपसी मेल-मिलाप बढ़ाता है।
जिला गुरदासपुर के कस्बा कादिया में मुस्लिम अहमदिया जमात के इंटरनेशनल हेडक्वार्टर पर ईद की नमाज़ अदा की गई। कादिया में इंटरनेशनल अहमदिया हेडक्वार्टर के भारत के सचिव मोहम्मद इमाम गौरी ने ईद की बधाई दी। उन्होंने कहा कि ईद उल जुहा (बकरीद) 4000 साल पहले से मनाई जा रही है। यह ईद कुर्बानी का दिन है, जिसे आमतौर पर बड़ी ईद भी कहा जाता है। इस्लाम में दो ईदें होती हैं, एक ईद उल जुहा और दूसरी ईद उल फितर। ईद उल फितर को छोटी ईद भी कहा जाता है, जो रमज़ान की इबादत के बाद आती है और यह ईद हज की इबादत के मौके पर सभी मुसलमान इसमें शामिल होते हैं और ईद की खुशी मनाते हैं।
बठिंडा में भी मुस्लिम समुदाय ने हर्षोल्लास के साथ ईदगाह में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। दरगाह में मौलवी ने नवाज पढ़ी और सभी की सुख-शांति के लिए दुआ मांगी। इसके साथ ही राजनीतिक दलों के नेता भी आज दरगाह पर पहुंचे और एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। मौलवी ने कहा कि हमें भारत के अमन-चैन को बनाए रखना चाहिए और सभी को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और सभी लोगों को हर धर्म के कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए ताकि एक दूसरे के बीच भाईचारा और प्यार कायम रहे।