नई दिल्ली: जेपी ग्रूप से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। जेपी ग्रुप की कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने कंपनी के प्रबंधक निदेशक मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने यह आरोप लगाया है कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड मनोज गौड़ के जरिए से 12,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और घर खरीदारों के पैसे की हेराफेरी करती है।
मई में मारा था ईडी ने छापा
इसी साल 2025 में मई में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के अंतर्गत बड़ी कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में कंपनी ने जेपी इंफ्राटेक के अलावा जेपी एसोसिएट्स और उनसे जुड़ी कंपनियों के ठिकानों पर छापा मारा था। एनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस समय दिल्ली-मुंबई के समेत करीबन 15 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी।
बीते 23 मई 2025 को कई गई कार्रवाई में कई जरुरी दस्तावेजों के साथ नकदी भी जब्त की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और बाकी कंपनियों के खिलाफ कथित पैसों की धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में 1.70 रुपये की नकदी जब्त की थी। इसके अलावा अधिकारियों ने सारे कागजात, डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड भी जब्त किए थे।
पैसों की धोखाधड़ी का लगा आरोप
ईडी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के उन आरोपों की जांच कर रही है जिसमें यह बताया गया है कि कंपनी ने उसके प्रोजेक्ट्स में घर खरीदारों से लिए गए पैसे को दूसरी जगहों पर लगाया है और इसका दुरुपयोग किया है। इस धोखाधड़ी में कई निवेशकों का पैसा भी अटका है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2017 में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के प्रमोटरों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुई थी। उस समय घर खरीदारों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। उन्होंने खरीददारों पर लिए गए पैसों को अन्य परियोजनाओं में लगाने का आरोप लगाया था।