पंचकूलाः जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के निजी स्कूलों के वाहन परिवहन विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फर्राटे भर रहे हैं। सेफ्टी रूल्स को अंदेखा कर बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाला जा रहा है। इन स्कूल वाहनों पर लगाम कसने के लिए आर.टी.ए. विभाग भी पूरा सतर्क दिख रहा है। ताजा मामले में डीटीओ हेरतजीत कौर के आदेशों के अनुसार आर.टी.ए. विभाग के एमवीओ देशराज टीम को लेकर रूटीन चेकिंग के बाद पंचकूला के बरवाला से लौट रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक प्राइवेट गाड़ी में मासूम स्कूली बच्चों को ठूस ठूस कर भरा हुआ था।
वह गाड़ी बरवाला से पंचकूला की ओर लौट रही थी। वाहन में लगभग 30 से अधिक बच्चे बैठाए गए थे जिनकी उम्र 6 साल से 10 तक है। इस वाहन में कोई भी बच्चा वाहन की सीट पर ठीक तरह से बैठ नहीं पा रहा था और बच्चे खड़े होकर सफर कर रहे थे। टीम ने उस गाड़ी को अलीपुर के टोल प्लाजा के पास रोका और चैकिंग टीम को वाहन चालक से परमिट संबंधित दस्तावेज भी नहीं मिले। वाहन में सुरक्षा के इंतजाम भी कही नजर नहीं आए और आदेश अनुसार न ही महिला कर्मचारी नजर आई। बाद में एमवीओ देशराज ने तुरंत एक अन्य स्कूल की बस को बुलाकर बच्चों को बिठाकर उनके घर भेजने का सराहनीय कार्य किया।
इस दौरान पूछताछ में गाड़ी के ड्राइवर ने बताया कि ये स्कूली बच्चे बरवाला में संचालित एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। उसने बताया कि आज उनकी स्कूल बस खराब हो गई थी, इसलिए इस वाहन की मदद ली गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीटीओ ने स्कूल के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए गाड़ी पर भारी जुर्माना किया और उन्होंने कहा कि वह स्कूल के खिलाफ भी संबंधित विभाग को लिखेंगी, ताकि स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके। जब इस बारे मे जिला पंचकूला के शिक्षा अधिकारी डीईओ से बात की गई तो उन्होंने कहा ये मामला अभी उनके संज्ञान में आया है। हम इस घटना पर स्कूल पर संज्ञान लेंगे और स्कूल की मान्यता रद्द भी करेंगे।