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15 लाख की अपेक्षा 23 लाख में नीलाम हुआ धवेडा अदरोली रायपुर घाट, 18 लाख में नीलाम लठियानी मदली 

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9 लाख मुनाफे में नीलाम चार घाट, ठेकेदार नन्दलाल खोली ने लिए घाट

ऊना/ सुशील पंडित: उपमण्डल बंगाणा के गोबिंद सागर झील में पतनों की नीलामी वीडीसी अध्यक्ष देवराज शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिस पर एक से बढ़कर एक ठेकेदारों ने बोली लगाई। और बीते वर्ष से करीव 20 प्रतिशत से ज्यादा रेट पर घाट नीलम हुए हैं। वीडीसी अध्यक्ष देवराज शर्मा उर्फ देवू ने जानकारी देते हुए बताया कि लठियाणी मंदली घाट 18 लाख में नीलाम हुआ है। जब कि वीते वर्ष 17 लाख एक हजार में नीलाम हुआ था। इस वर्ष उक्त घाट 99 हजार ज्यादा में नीलाम हुआ है। वहीं धवेडा अंदरोली रायपुर घाट 23 लाख में नीलाम हुआ है। जब कि वीते वर्ष करीव 15 लाख में नीलाम हुआ था। ओर इस वर्ष उक्त घाट से 8 लाख मुनाफा हुआ है। कोहडरा दोबड़ घाट 41,500 रुपये में नीलाम हुआ है। जोकि वीते वर्ष 6300 रुपये में नीलाम हुआ था। और उक्त घाट से इस वर्ष करीब 35 हजार का मुनाफा हुआ है। घटी बढ़वार एक हजार में नीलांम हुआ है। कुल मिलाकर इस वर्ष गोबिंद सागर झील के घाटों में 9 लाख 35 हजार 700 रुपये का मुनाफा हुआ है।
 
वहीं वीते वर्ष के पोर्टफोलियो के तहत ही किराया व सवारियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौर रहे जो इन घाटों की नीलामी लेता है। वह ठेकेदार किसी प्रकार से भी खण्ड विकास कार्यलय बंगाणा का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। और बीते वर्ष की नीलामी में लिए गए सभी घाटों की सारी धनराशि जमा होनी चाहिए। विभाग की एनओसी ठेकेदार के पास होना जरूरी है। नीलामी के बाद उक्त राशि का 25 प्रतिशत धनराशि जमा करवानी पड़ती है। ओर शेष 31 मार्च तक पूरा करना पड़ता है। और बीते वर्ष ठेकेदार नन्दलाल खोली ने गोबिंद सागर झील के घाटों की नीलामी ली थी। और इस बार भी ठेकेदार नन्दलाल खोली ने ही 9लाख बोली को बढ़ाकर घाट अपने नाम किये है। 
ज्ञात रहे हर वर्ष गोबिंद सागर झील के चार घाटों की नीलामी होती है। ओर गर्मियों के दिनों में गोबिंद सागर झील के घाटों पर ज्यादा मुनाफा मिलता है। लेकिन सबसे सटीक बात यह है। कि घाट पर चलने बाले मोटर बोट की कोई इंश्योरेंस नहीं होती है। यह सबसे बड़ा सवालिया निशान है। जब लाखों का मुनाफा विभाग को हो रहा है तो झील पर चलने वाले मोटर बोट के चालक या फिर बोट में बैठने बाली सवारियों के साथ अगर कोई अप्रिय घटना होती है। तो परिवार कैसे निर्वाह करेगा। इस पर विभाग को मंथन करने की जरूरत है।  

अदरोली में वाटर स्पोटर्स होने से घाटों पर होगा ज्यादा मुनाफा

ज्ञात रहे गोबिंद सागर झील के अदरोली को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करते हुए पूर्व सरकार में मन्त्री रहे वीरेंद्र कंवर के सार्थक प्रयासों से आज देश मे कुटलैहड़ के अदरोली का नाम है और अदरोली में वाटर स्पोर्ट्स जैसी गतिवधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में गोबिंद सागर झील के घाटों को पर्यटकों के आने से ओर ज्यादा मुनाफा होगा। और उसी फल स्वरूप साढ़े 9 लाख की बढ़त से घाटों की नीलामी हुई है। 
 

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