नई दिल्लीः गो फर्स्ट एयरलाइन पर डीजीसीए ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। ये जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि इस साल 9 जनवरी को जब इस एयरलाइन के विमान ने उड़ान भरी, 55 यात्री एयरपोर्ट पर ही रह गए थे। उस विमान ने बेंगलुरू से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। डीजीसीए द्वारा ये जुर्माना भी उस समय लगाया गया है जब एयरलाइन ने इस घटना के लिए माफी मांग ली थी और प्रभावित यात्रियों के लिए एक बड़ा ऐलान भी किया था।
क्यों हुआ ये एक्शन?
कहा गया था कि सभी प्रभावित यात्रियों को अगले 12 महीनों में किसी भी घरेलू क्षेत्र में यात्रा के लिए एक मुफ्त टिकट दिया जाएगा। इस मामले में एक जांच भी शुरू की गई थी और उस दिन विमान में जो भी स्टाफ मौजूद रहा, सभी को रोस्टर से बाहर कर दिया गया था। लेकिन फिर भी क्योंकि ये चूक बड़ी रही और कई यात्रियों पर इसका असर पड़ा, जिसके बाद आज डीजीसीए ने कड़ा फैसला लिया।
सुर्खियों में भारत की एयरलाइन
वैसे इस मामले में जो यात्री परेशान हुए उनका दावा था कि उनके सामान को तो विमान में लोड कर दिया गया था। सिर्फ उन्हें ही छोड़कर उड़ा गया। बड़ी बात ये रही कि काफी देर तक उन यात्रियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनका विमान उड़ान भर चुका है। बाद में एयरलाइन ने दूसरे विमानों की मदद से प्रभावित यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया। अब पिछले कुछ समय से लगातार भारतीय एयरलाइन गलत कारणों की वजह से खबरों में बनी हुई हैं। कभी एअर इंडिया के विमान में पेशाब कांड हो जाता है तो कभी किसी विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कई यात्रियों की जान को जोखिम में डालती है। घटनाएं अलग रहती हैं, जगह अलग रहती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं लगातार होती रहती हैं।