शिमलाः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी बारिश से सुबह के वक्त एक मंदिर ढह गया। शिमला के उपनगर बालूगंज के साथ लगते शिव बावड़ी मंदिर में 7.30 बजे लैंडस्लाइड से मंदिर में 20 से 25 लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो गया है। इन दिनों सावन का महीना है। ऐसे लोग सुबह-सुबह मंदिर में पूजा के लिए आए थे। उधर, सोलन जिले के ममलीग की जडोंण भी बादल फटने से लैंडस्लाइड के बाद दो घर क्षतिग्रस्त हो गए।
इसमे चपेट में सात लोग आए। तीन के शव बरामद कर दिए गए है। मंडी और सिरमौर जिले में आधा दर्जन लोगों के जगह-जगह मलबे में दबे होने की सूचना है। मंडी के सात मील के पास भी बादल फटने से एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों व कुछ घरों को नुकसान हुआ है। प्रदेश में पिछले तीन दिन से हो रही भारी भारी बारिश जबरदस्त तबाही हुई है। मंडी, सिरमौर, शिमला, हमीरपुर, बिलासपुर और सोलन में भी जगह-जगह जलभराव, लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से कई घर खतरे की जद में आ गए।
प्रदेशभर में कालका-शिमला, चंडीगढ़-मनाली, शिमला-धर्मशाला, पांवटा-शिलाई NH सहित 800 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। इससे 2000 से ज्यादा रूटों पर बस सेवाएं ठप होने से लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। सड़क, बिजली, पानी के बगैर यहां के लोगों के समक्ष ‘पहाड़’ जैसी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। इस बीच मौसम विभाग ने अगले तीन-चार घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। खासकर ब्यास, पौंग डैम, रंजीत सागर और सतलुज नदी के कैचमेंट एरिया में बादल फटने जैसी घटनाओं से भारी तबाही की चेतावनी दी गई है। इसी तरह 9 जिले में कल तक फ्लैश फ्लड की भी चेतावनी दी गई है।
प्रदेश में भारी बारिश से उपजे हालात के बीच सीएम सुखविंदर सुक्खू ने देर शाम सभी जिलों के डीसी के साथ वर्चुअली मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने सभी स्कूल-कॉलेज, ITI, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक व फार्मेसी कॉलेजों में आज छुट्टियां घोषित की। इसी तरह प्रदेश विश्वविद्यालय ने भी पीजी और बीएड की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से उफनते हुए नदी-नालों व लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में नहीं जाने तथा सावधानी बरतने की अपील की है। आसमान से बरस रही आफत से न केवल इंसान बल्कि मवेशी भी फ्लैश फ्लड में तिनके की तरह बह रहे हैं। वहीं मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के बीच पुलिस मुख्यालय ने आपदा को देखते हुए कंट्रोल रूम स्थापित किया है।
राहत एवं बचाव कार्य के लिए लोग 112 नंबर पर फोन कर आपदा संबंधित सूचना दे सकेंगे। प्रदेश में सैकड़ों घर, कई कस्बे और किसानों की हजारों बीघा उपजाऊ जमीन जलमग्न हो गई है। इससे दो दिन में ही करोड़ों रुपए का नुकसान सरकारी व निजी संपत्ति को हो चुका है। कई जगह गाड़ियां पानी के तेज बहाव में तिनके की तरह बह रही है। पिछले दो दिनों में 30 से ज्यादा घर पूरी तरह और 180 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए है। इस दौरान लगभग 140 गौशालाएं, दुकानें व घ्राट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। आसमान से बरस रही आफत से पहाड़ों की जनता सहम गई है।
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