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देव भूमि हिमाचल प्रदेश में इस्लामिक जिहाद के खिलाफ संघर्ष कर रहे सन्त को किया सम्मानित: यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज

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अगर सभी संत अपने मठ्ठों से बाहर निकल कर देश और धर्म की लड़ाई नही लड़ेंगे तो इसका दोष संतो को जायेगा: महामंडलेश्वर राम मोहन दास

एक सन्त होने के नाते मेरी प्राथमिकता है कि मैं अपने समाज खतरे के लिए लड़ूं : महामंडलेश्वर श्री राम मोहन दास

ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश में चल रहे इस्लामिक के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत करने वाले सन्त महामंडलेश्वर स्वामी राम मोहन दास जी को सम्मानित करने अखिल भारतीय सन्त परिषद् के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज उनके श्री राम कृष्ण मठ्ठ अनपूर्णा मन्दिर लादरूही पहुंचे।

महामंडलेश्वर जी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज कहा कि जब जब भी धर्म और सनातनियों पर संकट छाया है तब तब सन्त खड़े हुए हैं। हमारा हिमाचल प्रदेश देव भूमि हैं यहां देवी देवताओं का बास है और यहां देवताओं की संताने रहती हैं। शान्ति प्रिय इस प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों की घटिया वोटो के स्वार्थ के कारण यहां रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी मुसलमान तथा प्रवासी अपराधिक की के लोगों को शरण दे कर देव भूमि को दूषित कर दिया है।

इसी खतरे को भावते जोगिंदर नगर के सन्त महामंडलेश्वर स्वामी राम मोहन दास जी ने हिमाचल प्रदेश में बांग्लादेशियों तथा रोहिंग्या मुसलमान और अवैध मुस्लिमो के 19,8,2024 शुक्रवार को जोगिंदर नगर की एक मस्जिद में रह रहे मुस्लिमों के नकली आधार कार्ड पकड़ कर उन पर स्वयं कार्यवाही करके मसाल जला कर सुरुयात की थी जो आज शिमला संजौली तथा मंडी से लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन का रूप के चुका है।

आज प्रदेश के सनातनी खतरे को और उसके कारणों को समझ कर राजनीतिक और संगठनों से ऊपर उठ कर स्वयं कार्यवाही शुरू कर दी इसके लिए प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने भी महाराज का निरादर करने की कोशिश करने की कोशिश करी थी। बाद में प्रशासन ने माफी मांगी थी।

इस अवसर पर महामंलेश्वर स्वामी राम मोहन दास जी ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी जी महाराज का धन्यवाद करते हुए कि बह एक सन्त है और एक सन्त होने के नाते मेरी प्राथमिकता है कि मैं अपने समाज खतरे के लिए लड़ूं । उन्होंने भारत के सभी संतो से निवेदन करते हुए कहा कि देव भूमि और भारत देश में एक ऐसी विचारधारा का प्रभाव बढ़ रहा है जो अपने सिवा किसी को भी जीवित नहीं देखना चाहती हमारी संस्कृति और संस्कार तथा अनुयाइयों को मिटाने की फिराक में लगे हुए हैं यह समय है सभी संत अपने मठ्ठों से निकल कर अपने अनुयाइयों का मार्ग दर्शन तथा उनके संघर्ष में उनका साथ दें। यह धर्म और संस्कृति बचेगा तो हमारे मठ मंदिर बचेंगे।

उन्होंने स्वामी यति सत्यदेवानंद सरस्वती जी को हिमाचल प्रदेश की आश्वासन दिया कि वो हर वक्त उनके साथ रहेंगे। इस अवसर पर उनके साथ मास्टर बीरबल, रमेश सैनी, चिराग आदि उपस्थित रहे।

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