धर्मः हमने बचपन से यही सुना है कि राधा बिना श्री कृष्ण के अधूरी हैं और श्री कृष्ण भी राधा के बिना पूरे नहीं होते। फिर सवाल यह उठता है कि इस गहरे प्रेम के बावजूद उन्होंने शादी क्यों नहीं की? ये एक दिलचस्प बात है, जो बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, राधा और श्री कृष्ण का प्रेम इतना शुद्ध और अनमोल था कि वह शादी जैसे सांसारिक बंधनों में नहीं बंधना चाहता था। उनका प्रेम आत्मा और भावना का मेल था, जो परंपरागत रूप से बिना शादी के भी सबसे खूबसूरत माना जाता है।
भगवान कृष्ण जब लगभग चार-पांच साल के थे, तब वह अपने पिता के साथ गाय चराने खेतों में जाते थे। उस समय वसंत का मौसम था। श्री कृष्ण ने अपने पिता को चौंकाने के लिए अचानक मौसम बदल दिया। अचानक तेज बारिश शुरू हो गई और श्री कृष्ण ने रोना शुरू कर दिया। पिता ने श्री कृष्ण को देखकर उन्हें प्यार से गले लगा लिया। वे सोच रहे थे कि इस मौसम में श्री कृष्ण का भी ध्यान रखना होगा और गायों की भी देखभाल करनी होगी। तभी वहां एक सुंदर कन्या आ गई। उसे देखकर नंद बाबा का मन शांति से भर गया। उन्होंने उस लड़की से कहा कि वह श्री कृष्ण की देखभाल करें। लड़की ने खुशी-खुशी हां कह दी। इसके बाद नंद बाबा गाय लेकर घर चले गए।
जब श्री कृष्ण और वह लड़की अकेले थे, तब श्री कृष्ण ने अपनी असली रूप दिखाया। वे एक युवक के रूप में खड़े थे, जिनके कपड़े नारंगी रंग के थे, सिर पर मोर का पंख था और उनके हाथ में बांसुरी थी। श्री कृष्ण ने उस लड़की से पूछा कि क्या वह उस समय को याद करती है जब वे दोनों स्वर्ग में साथ थे। लड़की ने हां कहा, क्योंकि वह राधा थीं। ऐसे ही पहली बार पृथ्वी पर जन्म लेकर कृष्ण और राधा की मुलाकात हुई थी।
भगवान कृष्ण और राधा रानी की जोड़ी प्रेम की सबसे अनोखी मिसाल मानी जाती है। लेकिन जो बात शायद कम लोग जानते हैं वो ये है कि दोनों ने कभी विवाह करने का फैसला क्यों नहीं किया। उनका मानना था कि प्रेम और विवाह दो अलग-अलग बातें हैं। उन्होंने साबित किया कि सच्चा प्रेम सिर्फ शरीर और रूप तक सीमित नहीं होता, बल्कि वो भक्ति और आत्मा की शुद्धता से जुड़ा होता है।
कहते हैं कि राधा ने खुद को कृष्ण जी के लायक नहीं समझा क्योंकि वह एक साधारण गाय चराने वाली थीं। इसलिए, उन्होंने विवाह करने से मना कर दिया था। उन्हें लगा कि अगर विवाह होता, तो शायद उनकी भक्ति और प्रेम की वह शुद्धता जो दोनों के बीच थी, कम हो जाती। इसके अलावा एक और बात जो कई मान्यताओं में आती है वो ये है कि राधा रानी और श्री कृष्ण एक ही आत्मा के दो रूप थे। इसलिए, उन्होंने माना कि वे अपनी ही आत्मा से विवाह नहीं कर सकते।