इस्लामाबादः कर्ज पर चल रहे पाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है। इसी कर्ज के चलते अब पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय एयरलाइंस को बेचने के लिए मजबूर हो चुका है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को खरीदने के लिए बोली लगाई जा रही है और पाकिस्तान की बड़ी कंपनियां इस ऑक्शन का हिस्सा बन रही हैं। पाकिस्तान की सबसे बड़ी एयरलाइंस PIA को बेचने के पीछे पाकिस्तान की आर्थिक तंगी सबसे बड़ा कारण है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF की पॉलिसी के चलते पीआई को प्राइवेट हाथों में देने का फैसला लिया गया। दरअसल पाकिस्तान IMF से 7 अरब डॉलर का लोन लेना चाहता है, इसके बदले IMF ने पाकिस्तान की उन कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन की शर्त रखी है, जो घाटे में चल रही हैं। यानी सिर्फ पीआईए नहीं, पाकिस्तान सरकार अपनी कई कंपनियों को प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रही है।
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) फिलहाल पूरी तरह से कर्ज में डूबी हुई है। 2020 में प्लेन क्रैश के बाद से ही कंपनी के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं, इसके बाद इस कंपनी पर कई तरह की पाबंदियां लगीं और दुनिया के तमाम देशों ने गंभीर सवाल खड़े किए। पीआईए के कई पायलट्स को फर्जी दस्तावेजों के साथ विमान उड़ाने की इजाजत मिल गई, इस खबर के बाद कंपनी से लोगों का भरोसा उठ गया। आज ये एयरलाइन कंपनी करीब 24 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी हुई है।
