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हिरासत में व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

हिरासत में व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हिरासत में व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

रायपुर : किडनैप-गैंगरेप के मामले में पुलिस हिरासत में लिए गए युवक ने लॉकअप में सुसाइड कर लिया। युवक ने गुरुवार की रात करीब सवा 3 बजे कंबल को काटकर उसका फंदा बनाया और उस पर लटक गया। इधर परिजनों ने पुलिस पर युवक को टॉर्चर कर मारने का आरोप लगाया है। मामला पाली जिले के जैतारण थाने का है। सूचना के बाद जैतारण डीएसपी सीमा चोपड़ा, ASP हिमांशु जांगिड़, जैतारण एसीजेएम थाने पर पहुंचे। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कर शव को फंदे से उतारा गया और अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया। 

पुलिस ने बताया कि किडनैप-गैंगरेप के मामले में चांवडिया कलां गांव निवासी युवक राकेश सीरवी (30) को बलाड़ा गांव से हिरासत में लिया गया था। युवक ने एक युवती को घर से उठाकर किडनैप करवाया था। राकेश युवती को बलाड़ा गांव में किराए का मकान लेकर वहां ले गया। एक दिन पहले युवती ने किसी तरह मोबाइल लेकर पुलिस को फोन किया और अपने किडनैप के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने युवक को किडनैप और सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में हिरासत में लिया। वहीं राकेश के भाई रमेश सिरवी ने बताया कि 5 दिन पहले राकेश को पुलिस पकड़ कर लाई थी। पुलिस वाले अब कह रहे हैं कि उसकी गिरफ्तारी कल ही हुई है। पुलिस ने उस समय कुछ नहीं बताया कि क्यों गिरफ्तार किया गया है। मेरे पिता के सामने राकेश को कार में डालकर थाने ले आई थी। थाने में एक व्यक्ति ने फंदा लगा लिया तो पुलिस क्या कर रही थी।

पुलिस ने टॉर्चर कर राकेश को मार दिया। रमेश ने मामले की जांच कर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। भाई ने बताया कि राकेश खेती करता था। वहीं जैतारण कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष किशोर चौधरी ने कहा कि आज सुबह मेरे पास फोन आया कि सीरवी समाज के युवक ने पुलिस कस्टडी में सुसाइड कर लिया। परिजनों ने मुझे बताया कि पांच दिन पहले युवक को पुलिस उठाकर लाई और कल गिरफ्तारी दिखाई। तीन दिन तक जिस तरह उनको टॉर्चर किया गया, मारपीट की गई। जिसके कारण डिप्रेशन में आकर उसने सुसाइड कर लिया। हम प्रशासन से ये ही अनुरोध करते हैं कि इसकी जांच हो। अगर वह अपराधी है तो उसकी सजा कोर्ट देती। पुलिस जांच करके कोर्ट में पेश करती, पर तीन दिन तक उसको गिरफ्तारी नहीं दिखाना और टॉर्चर करना गलत है। परिजनों का कहना है कि उनको फोन के पैसे की डिमांड भी की जा रही थी। इसलिए 3 दिन तक गिरफ्तारी नहीं दिखाई।

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