मुंबईः बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक 19 साल पुराने केस का फैसला सुनाते 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। इनमें एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। जानकारी अनुसार 11 जुलाई 2006 को मुंबई के वेस्टर्न सबर्बन इलाके की ट्रेनों के 7 कोचों में धमाके हुए थे। इसमें 189 पैसेंजरों की मौत हो गई थी और 824 लोग घायल हो गए थे।
हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत की ओर से दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपों से बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन आरोपियों के खिलाफ केस साबित करने में नाकाम रहा। जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चांडक की स्पेशल बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष (प्रॉसिक्यूशन) आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाया। कोर्ट ने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि आरोपियों ने अपराध किया है। इसलिए उनको बरी किया जाता है। अगर आरोपी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए।
बम ब्लास्ट में इन 12 लोगों को बनाया गया था आरोपी
कमाल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैजल शेख (36), एहतेशाम सिद्दीकी (30), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहेल मेहमूद शेख (43), जामिर अहमद शेख (36), नावीद हुसैन खान (30) और आसिफ खान (38)।
प्रेशर कुकर से हुए थे 7 ब्लास्ट
मुंबई में 11 जुलाई 2006 को शाम 6 बजकर 24 मिनट से लेकर 6 बजकर 35 मिनट के बीच एक के बाद एक सात ब्लास्ट हुए थे। ये सभी ब्लास्ट मुंबई के पश्चिम रेलवे पर लोकल ट्रेनों के फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट में करवाए गए थे। खार, बांद्रा, जोगेश्वरी, माहिम, बोरीवली, माटुंगा और मीरा-भायंदर रेलवे स्टेशनों के पास ये ब्लास्ट हुए थे। ट्रेनों में लगाए गए बम आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और कीलों से बनाए गए थे, जिसे सात प्रेशर कुकर में रखकर टाइमर के जरिए उड़ाया गया था।
