अमृतसरः श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रणजीत सिंह ने आज अमृतसर में अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने बताया कि तरनतारन में श्री गुरु अर्जन देव जी के पवित्र दरबार साहिब के पास के इलाके में बन रही कीमती व्यावसायिक संपत्तियों की नीलामी को लेकर प्रबंधक कमेटी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूत्रों के मुताबिक, सिख संगत द्वारा गुरु घर को दान में दी गई इन संपत्तियों को कम कीमत पर नीलाम कर दिया गया। बताया जा रहा है कि ऐसी ही एक संपत्ति जिसकी कीमत बाजार भाव के अनुसार 60 लाख रुपये थी, उसे मात्र 16 लाख रुपये में नीलाम कर दिया गया।
दूसरी संपत्ति जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये थी, उसे मात्र 9 लाख रुपये में दे दिया गया। इस कार्रवाई का संस्थाओं और सिविल सोसायटी ने विरोध करते हुए कहा कि नीलामी गुपचुप तरीके से की गई है। नीलामी में केवल अपने लोगों को ही मौका दिया गया, जबकि अन्य इच्छुक लोगों को कई बार बुलाने के बाद भी टाल दिया गया। साथ ही लोगों ने यह भी बताया कि गुरु घर की अन्य संपत्तियों को पट्टे पर देने या कम दामों पर बेचने का प्रयास किया जा रहा है। सेवा के लिए बनाया गया एक बड़ा अस्पताल भी बंद होकर खाली पड़ा है। इन सभी चिंताजनक हालातों के बीच कमेटी के सदस्यों को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
इसी तरह बाबा जगतार सिंह की कार सेवा के विपरीत, जिन्होंने पैसे से घर खरीदे और गुरु घर के लिए सड़कें बनाईं, एसजीपीसी यहां दान की गई जमीनों को बेच रही है। इसके साथ ही भाई रणजीत सिंह ने कहा कि करीब 205 प्राचीन सरूप भी गायब हैं। उन्होंने मांग की है कि एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और अन्य जिम्मेदार अधिकारी तुरंत मामले की जांच करवाएं और नीलामी रद्द करने की घोषणा करें। साथ ही कहा कि अगर कोई जवाब नहीं दिया गया तो देश उन्हें जवाबदेह ठहराएगा।