कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों को किया जा रहा प्रताड़ित:राजीव वशिष्ट
ऊना/ सुशील पंडित : कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कांग्रेस नेता अपने चहेतों को लाभ देने के लिए कर्मचारियों को स्थानांतरण करने तक की धमकियां दे रहे है। यह बात भाजपा सेवानिवृत प्रकोष्ठ के संयोजक राजीव वशिष्ट ने बुधवार को ऊना में जारी एक प्रेस बयान में कहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्मचारियों की कोई मांग पूरी नहीं की है। जबकि भाजपा सरकार ने कर्मचारियों को 50-50 हजार रुपए की एरियर की पहली किश्त दी थी। कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को कोई वित्तीय लाभ नहीं दिए है। जहां तक महंगाई भत्ते की किश्त देने में भी कांग्रेस सरकार नाकाम रही है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की किश्त 12 प्रतिशत हिमाचल सरकार से ज्यादा दिया है। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को झूठे आश्वासन ही दिए है। राजीव वशिष्ट ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा कर्मचारियों की हितैषी रही है। कांग्रेस नेता अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कर्मचारियों को स्थानांतरण करने की धमकियां दे रहे है। भाजपा सरकार के समय कर्मचारियों को परेशान नहीं किया न ही स्थानांतरण करवाने की धमकियां देते थे। हिमाचल प्रदेश में सेवानिवृत कर्मचारियों की 1.90 लाख सेवानिवृत कर्मचारी है। जल शक्ति विभाग में वर्ष 2016 से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को रिवाइज्ड लीव इन कैशमेंट का भुगतान नहीं किया गया है। न ही महंगाई भत्ते की किश्त दी गई है। कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों व जनता से चुनावी वायदे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है। राजीव वशिष्ट ने कहा कि प्रदीप ठाकुर जो अपने आपको कर्मचारी नेता बता रहा है, वह सरकार की गोद में बैठकर सरकार के गुणगान कर रहा है, ऐसे नेता कर्मचारियों के हितैषी नहीं हो सकते, जो अपने कर्मचारियों को कोई वित्तीय लाभ नहीं दिला सके है। उन्होंने कहा कि राजनीति के आधार पर कर्मचारियों को न धमकाया जाए और न ही स्थानांतरण किए जाए। अन्यथा कांग्रेस को आगामी चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राजीव वशिष्ट ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय प्रदेश सहित ऊना विस क्षेत्र में अथाह विकास हुआ, लेकिन कांग्रेस सरकार भाजपा सरकार के समय शुरु हुए विकास कार्यो को पूरा नहीं कर पा रही है। विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने पूर्व भाजपा सरकार के समय में ऊना में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक विकास कार्यो पर खर्च किए थे। लेकिन कांग्रेस सरकार पिछले एक वर्ष से वित्तीय संकट का ही रोना रो रही है।
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