गुरदासपुरः विदेश भेजने के नाम पर आम लोगों से ठगी के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं जिसके चलते लोगों की मेहनत की कमाई ठग मिनटों में उड़ा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला अमृतसर के झंडेर थाने के अंतर्गत गुरदासपुर जिले के फतेहगढ़ चूड़ियां से सटे तलवंडी नाहर गांव का है।
जानकारी देते तलवंडी नाहर निवासी प्यारा सिंह और उसके परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने गांव की महिला एजेंट से उनके बेटे बलजिंदर सिंह का वर्क परमिट लगाने के लिए मुलाकात की थी। नवंबर 2024 में उन्होंने फाइल लगाई थी। इस दौरान महिला ने उनको वीजा और टिकट दे दी। जब उनका बेटा बलजिंदर सिंह 14 जुलाई 2025 को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो पता चला कि वह वीजा और टिकट दोनों ही फर्ज़ी हैं, जिसकी वजह से उन्हें शर्मिंदा होकर लौटना पड़ा।
उसके बाद, एजेंट ने 18 जुलाई को फिर से टूरिस्ट वीजा की बात की और फिर से टिकट दिया, जो पूरी तरह से गलत था। इस संबंध में जब उन्होंने गांव के प्रमुख लोगों की बात लेकर महिला एजेंट से बात की तो वह हमारी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं हुई, क्योंकि उसने अपने देवर से सारे काम के लिए 7 लाख 50 हजार रुपए पहले ही ले लिए थे। काम पूरा न होता देख जब हमने उससे पैसे वापिस मांगे तो वो तरह-तरह की बातें बनाकर टालने लगी। तंग आकर झंडेर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने भी हमारी एक न सुनी।
प्यारा सिंह ने भरे मन से बताया कि तंग आकर उनके बेटे बलजिंदर सिंह ने 1 अगस्त को उसने कोई जहरीली चीज निगल ली और उसे फतेहगढ़ चूड़ियां के ढींडसा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि बलजिंदर सिंह ने जहरीला पदार्थ खाने से पहले एक हस्तलिखित सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उसने गांव के एजेंट पर काम न करने और लाखों रुपये हड़पने का आरोप लगाया था। पूरे परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि इस एजेंट राजवंत कौर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
वहां, जांच अधिकारी अवतार सिंह ने बताया कि बलजिंदर सिंह को गांव के ही एक एजेंट ने विदेश भेजने के नाम पर ठगा था, जिसके चलते बलजिंदर सिंह ने कोई जहरीली चीज निगल ली और स्थिति गंभीर बनी हुई है और बलजिंदर सिंह के पिता का बयान दर्ज करने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।