नई दिल्ली: राजधानी के लाल किले में हुए ब्लास्ट मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 10 नवंबर को हुए इस धमाके में 12 लोगों की मौत हुई थी और 12 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। अब केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को आतंकी घोषित कर दिया है। जांच एजेंसियों की ओर से इस मामले में एक अहम खुलासा किया गया है। एजेंसियों ने कहा कि इस नेटवर्क में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ और टेलीग्राम चैट्स के जरिए पाकिस्तान से संपर्क के सबूत मिले हैं।
केंद्र ने बताया आतंकी हमला
सरकार ने यह पुष्टि कर दी है कि यह विस्फोट कोई आम हादसा नहीं है बल्कि एक सोचा-समझा आतंकी हमला था। धमाके से जुड़ी एफआईआर पहले ही यूपीए और विस्फोटक अधिनियम के अंतर्गत दर्ज की गई थी। अब पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी किए गए बयान में यह कहा गया है कि देश ने 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास एक घिनौनी आतंकी घटना देखी है। यह राष्ट्रविरोधी ताकतों के द्वारा की गई थी। भारत अपनी आतंकवाद के प्रति जोरी टॉलरेंस नीति पर कायम रहेगा।
टेलीग्राम चैट में पाकिस्तान के साथ संबंध
फरीदाबाद से इस मामले में डॉक्टरों के मोबाइल पकड़े गए हैं। उनके फोन की जांच में पुलिस को टेलीग्राम चैट्स में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद हैंडलर्स से बातचीत के प्रमाण मिले हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह बताया है कि गिरफ्तार आरोपी उच्च शिक्षित और कट्टर विचारधारा से जुड़ा है। एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, डिजिटल डिवाइस की शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि आरोपी सीधे जैश हैंडलर्स से टेलीग्राम पर संपर्क में थे।
और भी हो सकते हैं खुलासे
जांच एजेंसियां अभी इस मामले में जांच कर रही हैं। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि असली योजना किसने बनाई और क्या इस नेटवर्क का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी है। अधिकारियों का यह कहना है कि आने वाले दिनों में और भी कई बड़े खुलासे इस मामले में हो सकते हैं। इसके बाद ही आतंकी साजिश की पूरी तस्वीर सामने आएगी।