मुबंईः बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई। दरअसल, एक और दिग्गज एक्ट्रेस का निधन हो गया। साल 2025 में अभिनेता पंकज धीर, असरानी और सतीश शाह जैसे दिग्गजों के बाद आज हिंदी सिनेमा की सम्मानित और बेहतरीन एक्ट्रेस कामिनी कौशल का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उनका निधन हुआ है। कामिनी कौशल ने अपने अभिनय से इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई थी।
बतौर हीरोइन काम करने के बाद, उन्होंने कई फिल्मों में मां के भी यादगार किरदार निभाए थे।आज जब उनका सफर थम चुका है, तो उनके पुराने इंटरव्यू और यादें फिर से लोगों के बीच जीवित हो उठी हैं- वो यादें जिनमें दिलीप साहब के साथ उनकी गहरी बॉन्डिंग, बीते समय का स्नेह और अभिनेता के लिए प्यार साफ तौर पर नजर आता था। वह आखिरी बार आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में कैमियो रोल में नजर आई थीं। कामिनी कौशल का जन्म 24 फरवरी, 1927 को ब्रिटिश भारत के लाहौर में हुआ था।
वह दो भाइयों और तीन बहनों में सबसे छोटी थीं। उनके पिता लाहौर स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में बॉटनी के प्रोफेसर थे। वह प्रोफेसर शिव राम कश्यप की पुत्री थीं, जिनहें भारतीय वनस्पति विज्ञान का जनक माना जाता है। कामिनी कौशल ने साल 1946 में फिल्म ‘नीचा नगर’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। यह पहली भारतीय फिल्म बनी, जिसने कान फिल्म समारोह में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड जीता और पाल्मे डी’ओर पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र भारतीय फिल्म बनी रही।
‘शहीद’, ‘नदिया के पार’, ‘शबनम’ और ‘अर्जू’ जैसी फिल्मों में कामिनी और दिलीप साहब की जोड़ी को दर्शकों ने हमेशा पसंद किया। शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार उनसे बेहद प्रभावित हुए और दोनों एक-दूसरे के करीब आए। लेकिन किस्मत ने उन्हें साथ नहीं आने दिया। कामिनी पहले ही अपनी दिवंगत बहन के पति से शादी कर चुकी थीं ताकि अपनी बहन के बच्चे की परवरिश हो सके। ऐसे में अपने घर-परिवार को छोड़ना उनके लिए संभव नहीं था। रिश्ते के खिलाफ उनके भाई का सख्त रुख भी बड़ा कारण बना। कहा जाता है कि कामिनी के भाई ने दिलीप साहब से साफ कह दिया था कि यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता। यह मोहब्बत अधूरी ही रह गई, लेकिन एक-दूसरे के लिए सम्मान कभी कम नहीं हुआ।
बता दें कि दिलीप कुमार की लगातार बिगड़ती तबीयत ने कामिनी कौशल को उम्रभर बेचैन रखा। 2017 में जब दिलीप साहब अस्पताल में थे, तब कामिनी ने चिंता जताते हुए कहा था कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख होता है कि दिलीप साहब लंबे समय से तकलीफ सह रहे हैं। उन्होंने दुआ की थी कि वह जल्द स्वस्थ होकर घर लौटें। उनकी बातों से साफ झलकता था कि दिलीप साहब सिर्फ उनके को-एक्टर नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान थे जिनके लिए उनके दिल में अब भी अटूट लगाव था।