अलाप्पुझा: केरल में एवियन इंफ्लुएंजा के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से एवियन फ्लू से जुड़े मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय एक दल को केरल भेजा गया है। यह दाल जांच के अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगा और साथ ही इसको रोकने के तरीके को भी बताएगा। बता दें कि एवियन फ्लू बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। दुनियाभर में जंगली पक्षियों में इसका असर देखा गया है। वहीं पक्षियों के संपर्क में आने वाले इंसानों में भी इस संक्रमण का जोखिम होता है।
अलाप्पुझा जिले में बत्तखों में एवियन फ्लू बीमारी फैलने की पुष्टि होने के साथ ही अधिकारियों ने वीरवार को इस रोग के प्रसार पर काबू के लिए यहां हरिपद नगरपालिका के वझुथनम वार्ड में 20,000 से अधिक पक्षियों को मारने के लिए अभियान शुरू किया। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में हाल ही में नमूनों की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जिला अधिकारियों ने यहां एक बयान में कहा कि 28 अक्टूबर शनिवार से इस बीमारी के केंद्र के एक किलोमीटर के घेरे में स्थित घरों के सभी पक्षियों को मारा जाएगा।
बयान में कहा गया है कि 20,471 बत्तखों को मारा जाएगा और आठ त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) इस संबंध में केंद्रीय मानदंडों का पालन करते हुए ऑपरेशन में लगे हुए हैं। बयान के अनुसार पक्षियों के मारे जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी हरिपद नगरपालिका, पल्लीपाड़ पंचायत और आसपास के इलाकों में एक सप्ताह तक स्वास्थ्य एवं पशु कल्याण विभाग द्वारा निगरानी की जाती रहेगी। बीमारी फैलने के स्थान से एक किलोमीटर के घेरे में पक्षियों के परिवहन पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पिछले 5 दिनों में कुट्टनाड क्षेत्र के हरिपद में लगभग 1,300 बत्तखों की मौत के बाद केरल के अलाप्पुझा जिले में लगभग 20,500 पोल्ट्री पक्षियों को मारने का फैसला किया गया है। यह आदेश बुधवार को हरिपद नगर पालिका के वझुथानम में एवियन इन्फ्लूएंजा के फैलने की पुष्टि के बाद आया है। जिला कलेक्टर वीआर कृष्णा तेजा ने बताया कि क्षेत्र में मौजूद बत्तख में फ्लू के मिलने की पुष्टी हुई है। पिछले एक सप्ताह में हरिपद नगरपालिका के वार्ड 9 में वझुथनम पडिंजारे और वझुथनम वडक्के में पोल्ट्री फार्मों में लगभग 1,500 पक्षियों की मौत हो गई।
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